नौतपा 2025 की शुरुआत 25 मई से होगी और यह 2 जून तक चलेगा। यह नौ दिन सूर्य की प्रचंड गर्मी का प्रतीक माने जाते हैं, जब सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और पृथ्वी पर अपनी तपन बढ़ाते हैं। इस दौरान दिन लंबे होते हैं, जिससे सूर्य की किरणें अधिक समय तक पृथ्वी पर रहती हैं, परिणामस्वरूप तापमान में वृद्धि होती है।
विष्णु पुराण की भविष्यवाणियाँ
1. भीषण गर्मी का संकेत
विष्णु पुराण में उल्लेख है कि एक चतुर्युग के बाद पृथ्वी की उर्वरता कम होने लगती है, जिससे भीषण गर्मी, बर्फबारी या ठंड प्रलय का कारण बन सकती है। गर्मी बढ़ने पर भगवान विष्णु सूर्य की किरणों में स्थित होकर पृथ्वी से सारा जल सोख लेते हैं, जिससे जीवन समाप्त हो जाता है।
2. सूर्य और चंद्रमा का प्रभाव
शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो चंद्रमा की शीतलता प्रभावित होती है, जिससे पृथ्वी पर सूर्य का प्रभाव बढ़ता है और गर्मी में वृद्धि होती है।
3. प्रलय का संकेत
विष्णु पुराण में यह भी कहा गया है कि जब पृथ्वी की उर्वरता समाप्त होने लगती है, तो भीषण गर्मी और ठंड प्रलय का कारण बन सकती है, जो जीवन के लिए संकटपूर्ण होता है।
🌡️ इस वर्ष की गर्मी का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 2025 में भीषण गर्मी की संभावना है। राजस्थान, दिल्ली और मध्यप्रदेश जैसे क्षेत्रों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावना है। इस दौरान लू चलने और हीटवेव की स्थिति बन सकती है, जिससे लोगों को सावधानी बरतने
यहाँ नौतपा 2025 और उससे जुड़ी विष्णु पुराण की भविष्यवाणियों पर आधारित एक विस्तृत लेखन शैली दी गई है, जिसे आप आर्टिकल या पोस्ट के रूप में उपयोग कर सकते हैं:
🔥 नौतपा 2025: क्या कहती हैं पुराणों की भविष्यवाणियाँ और इस बार कितनी होगी तपिश?
📅 कब शुरू होगा नौतपा 2025?
- आरंभ: 25 मई 2025
- समापन: 2 जून 2025
- नौतपा के ये नौ दिन हर साल सबसे ज्यादा गर्म माने जाते हैं। इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और पृथ्वी पर अत्यधिक तापमान उत्पन्न होता है।
विष्णु पुराण की 3 बड़ी भविष्यवाणियाँ जो गर्मी से जुड़ी हैं
1. संपूर्ण जल का सूख जाना – गर्मी के चरम पर प्रलय के संकेत
विष्णु पुराण में उल्लेख है कि एक समय ऐसा आता है जब सूर्य देव इतने प्रचंड होते हैं कि पृथ्वी से सारा जल वाष्पित हो जाता है। यह स्थिति एक महा प्रलय की ओर इशारा करती है।
2. सूर्य का रोहिणी में प्रवेश – उर्वरता में गिरावट
ज्योतिषीय दृष्टि से, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब पृथ्वी की उर्वरता कम होने लगती है। यह समय कृषि और पर्यावरण के लिए संकटपूर्ण माना जाता है।
3. आग उगलते सूर्य – मानव जीवन पर संकट
पौराणिक भविष्यवाणियों में कहा गया है कि जब सूर्य की किरणें अत्यधिक तीव्र हो जाती हैं, तब यह मानव शरीर और मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डालती हैं। विशेषकर नौतपा के समय यह असर अधिक होता है।
🌡️ नौतपा 2025 में कैसा रहेगा मौसम?
- मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार:
- उत्तर भारत में तापमान 45°C से ऊपर जा सकता है।
- दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हीटवेव की चेतावनी।
- बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह।
नौतपा में क्या करें और क्या न करें?
करें:
- खूब पानी पिएं
- धूप में बाहर निकलने से बचें
- फल और तरल पदार्थों का सेवन करें
न करें:
- खाली पेट घर से बाहर न जाएं
- दोपहर के समय तेज धूप में काम न करें
- अधिक मसालेदार और तली चीजों से परहेज करें
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