Lalbaugcha Raja 2025: राजसी वेशभूषा में दर्शन दिए लालबागचा राजा

By Surekha Bhosle | Updated: August 25, 2025 • 12:08 PM

हाथ में चक्र, सिर पर मुकुट, और परपल रंग की धोती में विराट स्वरूप

इस साल कब है गणेश चतुर्थी

Lalbaugcha Raja 2025: भाद्रपद माह सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व विशेष महत्व रखता है. गणेश चतुर्थी, जो हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी. 10 दिवसीय गणेश महोत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है

भक्ति, उत्सव और आस्था का प्रतीक

गणेश उत्सव पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई में, इसकी भव्यता कुछ अलग ही होती है। यहां ‘लालबागचा राजा’ (Lalbaugcha Raja) की पूजा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस प्रतिष्ठित गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।

इस वर्ष भी, गणेश चतुर्थी से पहले ‘लालबागचा राजा 2025’ की पहली झलक सामने आ गई है, जिसने भक्तों में गहरी श्रद्धा और जोश की लहर दौड़ा दी है। इस बार गणपति बप्पा का मुकुट खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे देख श्रद्धालु अभिभूत हो उठे हैं। लंबे समय से इस खास क्षण का इंतज़ार कर रहे भक्तों के लिए यह झलक किसी वरदान से कम नहीं।

पहली झलक का महत्व: सिर्फ दर्शन नहीं, आस्था का संगम

हर साल गणेश उत्सव की शुरुआत ‘लालबागचा राजा’ की पहली झलक से होती है, जिसे ‘शिविरारंभ’ कहा जाता है। यह केवल एक मूर्ति का अनावरण नहीं होता, बल्कि एक सामाजिक और आध्यात्मिक आयोजन होता है, जहां हर वर्ग और उम्र के लोग एकत्र होते हैं। इस वर्ष, प्रतिमा का अनावरण विशेष समारोह के साथ आम जनता के लिए किया गया।

यह पहला दर्शन सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था, भावनाओं और प्रार्थनाओं का केंद्र होता है। “नवसाचा गणपती” माने जाने वाले लालबागचा राजा के दर्शन के लिए लोग कई-कई घंटे कतारों में खड़े रहते हैं — कभी-कभी तो 40 घंटे तक भी — पर उनका उत्साह कम नहीं होता।

लालबागचा राजा की पहली झलक में क्या था खास ?

2025 की पहली झलक का विवरण मीडिया में सीधे रूप में नहीं मिला, पर इतिहास से ज्ञात है कि इस आयोजन में सजावट, उच्च कलाकारी और सामुदायिक भागीदारी की चमक पहले से अधिक होती है. पिछले साल की झलक में सोने का 20-kg मुकुट और मैरून मखमली पीतांबर शामिल थे. इसका संकेत इस साल की सजावट और सोच के महात्व को दर्शाता है।

राजा का इतिहास क्या है?

लालबागचा राजा Lalbaugcha Raja की स्थापना कब हुई? लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल क्षेत्र में स्थित है और अपने दस दिनों के भव्य उत्सव के दौरान लाखों लोगों को आकर्षित करता है। इस गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ यानी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले गणपति कहा जाता है।

लालबाग किस लिए प्रसिद्ध है?

मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है। लालबागचा राजा Lalbaugcha Raja सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष १९३४ में चिंचपोकली के कोलियों के द्वारा हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं। यह गणेश मंडल अपने १० दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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