इस बार 16 अगस्त को मनाई जाएगी जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में हर साल धूमधाम से मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 16 अगस्त 2025 को पड़ रहा है।
Krishna Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashtami) का पावन त्योहार (Festival) साल 2025 में 16 जुलाई के दिन मनाया जाएगा। इस दिन कृष्ण भक्तों के द्वारा व्रत, पूजन, भजन-कीर्तन आदि किया जाता है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव से पहले यदि आप कृष्ण जी से जुड़ी कुछ चीजों को घर ले आते हैं तो जीवन में आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में जानकारी देंगे।
श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए घर में लाएं ये शुभ वस्तुएं
मान्यता है कि जन्माष्टमी से पहले कुछ विशेष वस्तुएं घर में लाने से भगवान श्रीकृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
1. तुलसी का पौधा
तुलसी को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों की प्रिय माना जाता है। इसे घर में लगाने से पवित्रता बनी रहती है और दुर्भाग्य दूर होता है।
2. शंख (Conch)
शुभता का प्रतीक, घर में बजाने से दूर होती है नकारात्मकता जन्माष्टमी से पहले घर में शंख लाकर नियमित रूप से इसका उपयोग करें। यह वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
3. पीतांबर (पीले वस्त्र)
भगवान श्रीकृष्ण को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। पूजा के समय उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें या घर में पीले रंग की सजावट करें।
4. चांदी की बांसुरी या बांसुरी का प्रतीक
सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक- बांसुरी श्रीकृष्ण का मुख्य अस्त्र है। इसे घर में लाने से पारिवारिक जीवन में प्रेम, शांति और सौहार्द बना रहता है।
5. माखन-मिश्री का भोग
बाल गोपाल को विशेष प्रिय- जन्माष्टमी से पहले घर में माखन-मिश्री रखें और भगवान को भोग अर्पित करें। इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास क्या है?कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास
हिंदू धर्म में मान्यता है कि भाई कंस के अत्याचार को कारागार में रह सह रही बहन देवकी ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अपनी आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया था। भगवान विष्णु ने पृथ्वी को कंस के अत्याचार और आतंक से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था।
कृष्ण जन्माष्टमी की कहानी क्या है?
श्री कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव के घर हुआ था, तथापि उनका पालन-पोषण वृंदावन में यशोदा और नंद ने किया था। यह त्योहार आमतौर पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि या अंधेरे पखवाड़े के आठवें दिन आता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा कारागार में हुआ था। वहाँ, उनके जीवन को उनके मामा कंस से खतरा था।