Breaking News: Pushya: इस दीपावली: पुष्य नक्षत्र में करें शुभ निवेश

By Dhanarekha | Updated: October 12, 2025 • 7:00 PM

मालामाल होने का महासंयोग

ज्योतिष शास्त्र(Astrology) में, पुष्य(Pushya) नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ और बलवान माना जाता है, इसीलिए इसे ‘नक्षत्रराज’ भी कहा जाता है। विवाह को छोड़कर, यह नक्षत्र सभी मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र सौ दोषों को दूर करने वाला, शुभ कार्यों में निश्चित सफलता प्रदान करने वाला, और बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए सबसे श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। इस वर्ष दीपावली से पहले पड़ने वाला यह पुष्य नक्षत्र, खरीदारी और निवेश के लिए धनतेरस(Dhanteras) के समान ही शुभ माना जा रहा है। सदियों से यह मान्यता रही है कि पुष्य नक्षत्र के दिन किया गया हर शुभ कार्य या निवेश कई गुना बढ़ जाता है और खरीदी गई वस्तुएँ अक्षय (कभी न खत्म होने वाली) रहती हैं

इस वर्ष ‘मंगल पुष्य’ का विशेष संयोग

इस वर्ष पुष्य नक्षत्र का संयोग कार्तिक कृष्ण अष्टमी, मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:42 बजे शुरू होगा और अगले दिन बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:19 बजे तक रहेगा। चूंकि यह मंगलवार के दिन शुरू हो रहा है, इसलिए इसे ‘मंगल पुष्य'(Pushya) के नाम से जाना जाता है, जिसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान चंद्रमा अपनी स्वराशि कर्क में संचरण करेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, मंगल पुष्य के शुभ संयोग में किया गया निवेश या खरीदारी जीवन में आगे बढ़ने का कारक बनती है और लाभ देती है।

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निवेश और खरीदारी के लिए सबसे शुभ समय

पुष्य(Pushya) नक्षत्र का संचरण काल निवेश और खरीदारी के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस शुभ योग में सोने, चांदी के आभूषण खरीदना धन और समृद्धि के आगमन का संकेत देता है, जिससे जीवन में स्थिरता और सुख-शांति बनी रहती है। आभूषणों के साथ-साथ, इस दिन जमीन, मकान जैसी अचल संपत्ति में निवेश करना या म्युचुअल फंड जैसी वित्तीय संपत्ति खरीदना भी अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसके अतिरिक्त, इस शुभ संयोग में मंत्रों से संबंधित कोई भी उपासना करने से सौ गुना अधिक फल प्राप्त होता है, जिससे आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह की समृद्धि प्राप्त होती है।

पुष्य नक्षत्र को ‘नक्षत्रराज’ क्यों कहा जाता है और यह किस कार्य के लिए वर्जित है?

पुष्य(Pushya) नक्षत्र को सर्वाधिक शुभ और बलवान होने के कारण ‘नक्षत्रराज’ कहा जाता है। यह नक्षत्र विवाह को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

‘मंगल पुष्य’ का संयोग कब है और इस दिन किस प्रकार के निवेश को विशेष रूप से शुभ माना गया है?

इस वर्ष मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को पुष्य नक्षत्र शुरू हो रहा है, जिसे ‘मंगल पुष्य’ कहा जा रहा है। इस दिन सोने, चांदी के आभूषणों के साथ-साथ जमीन, मकान, और म्युचुअल फंड में निवेश या उनकी खरीदारी को विशेष रूप से लाभदायक और शुभ माना गया है।

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