Shani Amavasya : 23 अगस्त को है शनि अमावस्या

By Surekha Bhosle | Updated: August 19, 2025 • 11:59 AM

Shani Amavasya 2025: सनातन धर्म में अमावस्या (Amavasya) तिथि को विशेष दर्जा दिया गया है, मान्यता है अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है। हर अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण करने का विधान है। इसके साथ ही शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ने से इसे (Shani Amavasya) शनि अमावस्या भी कहते हैं और इसका महत्व भी बढ़ जाता है। अगस्त में माह में शनि अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है

कब है शनि अमावस्या?

अमावस्या तिथि का समय

हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है। पर शास्त्रों के मुताबिक इस दिन कुछ खास गलतियां करने से लोगों को बचना चाहिए वरना शनिदेव नाराज हो जाएंगे और आप के साथ कुछ अशुभ हो सकता है।

क्या नहीं करना चाहिए?

शनि अमावस्या क्या होती है?

शनि अमावस्या के दिन आत्मविश्लेषण और आत्मशुद्धि का विशेष योग बनता है। यह दिन आत्मा को गहराई से देखने, स्वयं के दोषों को सुधारने और एक नई शुरुआत करने के लिए उत्तम माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनि देवता विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति दिलाने का अवसर प्रदान करते हैं।

अमावस्या पर क्या करना चाहिए?

शनि अमावस्या के दिन शनि देव की विधिवत पूजा करें।उन्हें तेल, काले तिल और शमी के फूल अर्पित करें।शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।शनि चालीसा का पाठ करें।

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