Breaking News: Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के उपाय

By Dhanarekha | Updated: October 6, 2025 • 11:43 PM

शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima), जिसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म(Hinduism) में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि इसी दिन माता लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ था और इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर अमृत बरसाते हैं। देवी लक्ष्मी(Goddess Lakshmi) इस रात्रि में पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इसलिए, इस विशेष तिथि पर रात्रि के समय जागरण और कुछ विशेष धार्मिक उपाय करने से जातक को धन-धान्य, सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। ये उपाय माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके जीवन की खाली झोली को खुशियों से भर सकते हैं

माता लक्ष्मी की आराधना और मंत्र जाप

शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) की रात्रि को मध्य रात्रि (कम से कम) तक जागरण करना और माता लक्ष्मी की श्रद्धापूर्वक आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है। देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए साधक को रात के समय ‘श्री सूक्त’ का पाठ करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, आर्थिक समस्याओं से मुक्ति और धन-धान्य में वृद्धि के लिए ‘ओम श्रीम श्रियै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। यह उपाय माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का एक सीधा और शक्तिशाली माध्यम है, जो जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

चांदनी में रखी खीर का महत्व

शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) पर किए जाने वाले उपायों में चावल की खीर को चांदनी में रखने का विशेष महत्व है। रात्रि के समय बनाई गई खीर को चांद की रोशनी में रखना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से चंद्रमा की सोलह कलाओं का अमृत और औषधीय गुण खीर में समाहित हो जाते हैं। अगले दिन सुबह इस खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करना चाहिए और परिवार के सभी सदस्यों को भी खिलाना चाहिए। यह उपाय न केवल स्वास्थ्य लाभ देता है और रोगों का नाश करता है, बल्कि करियर, व्यापार और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।

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मनोकामना पूर्ति के लिए श्रीकृष्ण का उपाय

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान कृष्ण ने महारासलीला रचाई थी, इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है। अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए, शरद पूर्णिमा की रात को एक सफेद कागज पर हरे रंग के कलम से अपनी इच्छा लिखें। इसके बाद, इस कागज को मोड़कर भगवान कृष्ण के पास रख दें और ‘ओम क्लीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। अगले दिन सुबह इस कागज को उठाकर जला दें और उसकी राख को फूंक मार दें। यह उपाय आपकी दबी हुई इच्छाओं को पूर्ण करने में सहायक हो सकता है।

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा क्यों कहा जाता है?

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और पूछती हैं- ‘को जाग्रति’ अर्थात् ‘कौन जाग रहा है?’ जो भक्त इस रात जागरण करके उनकी आराधना करता है, उसे माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

खीर को चांदनी में रखने के बाद किस समय ग्रहण करना चाहिए?

खीर को पूरी रात चांदनी में रखने के बाद, उसे अगले दिन सुबह (सूर्योदय के बाद) प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। इस खीर में चंद्रमा की किरणों के औषधीय गुण समाहित हो जाते हैं, जिससे यह स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों के लिए लाभकारी होती है।

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