सूर्य ग्रहण की तारीख और समय
सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को शनिवार के दिन लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा।
समय:
- सूर्य ग्रहण का आरंभ: 2:21 बजे दोपहर
- सूर्य ग्रहण का समापन: 6:14 बजे शाम
भारत में सूर्य ग्रहण का दृश्य और सूतक काल
- यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस कारण भारत में सूतक काल का कोई प्रभाव नहीं होगा।
- जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां 12 घंटे पहले सूतक काल लागू होता है, लेकिन भारत में इसका पालन नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व
यह ग्रहण शनि अमावस्या के साथ-साथ शनि गोचर के समय हो रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह मीन राशि और भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा, जो ग्रहण के प्रभाव को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या न करें?
क्या करें:
- ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छुएं।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- स्नान करने के बाद दान करें।
- मन को शांत रखें और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें।
क्या न करें:
- ग्रहण के दौरान भोजन से बचें।
- नींद लेने से बचें।
- गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें।
- अत्यधिक भागदौड़ और नकारात्मक जगहों से बचें।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?
ग्रहण के बाद स्नान करना और दान करना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
सूर्य ग्रहण कहाँ दिखाई देगा?
यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रों में दिखाई देगा:
- यूरोप के अधिकांश देश
- उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका
- उत्तरी अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र
- दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भाग
- अटलांटिक सागर
- आर्कटिक महासागर
- उत्तरी रूस
कुछ प्रमुख देश और क्षेत्र जहां सूर्य ग्रहण देखा जाएगा:
- ऑस्ट्रिया, बारबाडोस, बेल्जियम, उत्तरी ब्राजील, बारमूडा, फिनलैंड, इटली, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीनलैंड, हॉलैंड, नॉर्वे, पोलेंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, मोरक्को, यूक्रेन, इंग्लैंड और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र।
सूर्य ग्रहण का खगोलशास्त्र
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है। आंशिक सूर्य ग्रहण में, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह से संरेखित नहीं होते, और सूर्य का केवल एक हिस्सा ढका हुआ दिखाई देता है।
नोट: सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां और धार्मिक उपायों का पालन करने के साथ-साथ यह ग्रहण अन्य ग्रहों और राशियों पर भी असर डाल सकता है, जिससे यह समय विशेष रूप से ध्यान और साधना का होता है।