Raksha Bandhan : कौन-सी राखी बांधना होगा शुभ –सोने, चांदी या धागे की?

By Surekha Bhosle | Updated: July 30, 2025 • 12:08 PM

राखी केवल एक धागा नहीं, एक पवित्र बंधन है

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, (Love) सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है

शुभता और परंपरा में क्या कहता है शास्त्र?

वेद-पुराणों के अनुसार, राखी बांधते समय केवल भौतिक सुंदरता नहीं, बल्कि उसमें छुपे भाव और ऊर्जा का ध्यान रखना चाहिए। यह तय करता है कि राखी कितनी शुभ मानी जाएगी।

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का पर्व बहुत खास होता है, इस दिन बहनें भाई को राखी बांधती हैं. जानते हैं आखिर कौन-सी राखी बांधना रक्षाबंधन पर शुभ होता है सोने की राखी, चांदी की राखी या रेशम की राखी।

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक होता है. इस पर्व पर बहनें अपने भाई की कलाई पर रंगबिरंगे धागे या रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को आजीवन रक्षा का आसवासन देते हैं।

साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार

साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. हर साल रक्षाबंधन सावन माह के अंतिम दिन यानि श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का सूत्र आमतौर पर रेशम के धागे या सूत से बना होता है जिसे बहुत शुभ माना जाता है. अधिकतर राखियां रेशम के धागे या सूत से बनी होती हैं जिसके बांधना शुभ होता है. यह पवित्रता का प्रतीक है।

चांदी की राखी भाई को बांधना बेहद शुभ होता है. इस राखी को बांधने से अगर भाई की कुंडली में चंद्र दोष है तो इससे मुक्ति पाई जा सकती है. चांदी की राखी से मानसिक शांति का अनुभव होता है. इसीलिए चांदी की राखी भी भाई को बांधना शुभ होता है।

अगर कोई बहन अपने भाई को सोने की बांधती हैं तो इसे भी शुभ माना गया है. सोना धन, समृद्धि और प्रेम का प्रतीक है. सोने की राखी भाई के प्रति स्नेह को दर्शाता है।

हर कोई अपने सामर्थ के अनुसार ही भाई को राखी बांधता है, फिर चाहे राखी सूत की हो, या चांदी की या सोने की सच्चे मन और भाई के प्रति प्रेम और स्नेह को देखकर बांधी गई हर राखी भाई के लिए शुभ होती है।

रक्षाबंधन की असली कहानी क्या है?

राजा बलि ने जब माता लक्ष्मी से रोने का कारण पूछा तो मां ने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वो रो रही हैं। राजा ने मां की बात सुनकर कहा कि आज से मैं आपका भाई हूं। माता लक्ष्मी ने तब राजा बलि को राखी बांधी और उनके भगवान विष्णु को मांग लिया है। ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का यह पावन पर्व मनाया जाता है।

सबसे पहले राखी किसने बांधी थी?

ऐसी ही एक कथा राजा बली, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से जुड़ी है. कहते हैं कि मां लक्ष्मी ने ही राजा बली को सबसे पहले राखी बांधी थी।

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