Jagannath Idol : भगवान जगन्नाथ की मूर्ति 12 साल में क्यों बदली जाती है?

By Surekha Bhosle | Updated: June 18, 2025 • 8:05 PM

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बहुत ही खास मानी गई है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. पुरी जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ की मूर्ति हर 12 साल में बदली जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? आइए इस लेख में जानते हैं।

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बहुत ही खास मानी गई है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. भक्त इस दिन का इंतजार बेसब्री से पूरे साल करते हैं. इस रथ यात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर होती है, जिसमें भारी मात्रा में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. धार्मिक मान्यता है कि जो लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति है. पुरी जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ की मूर्ति हर 12 साल में बदली जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? आइए इस लेख में जानते हैं।

भगवान जगन्नाथ की मूर्ति 12 साल क्यों बदली जाती है?

भगवान जगन्नाथ की मूर्तियां हर 12 साल में बदली जाती हैं. इसका मुख्य कारण है लकड़ी से बनी हुई जगन्नाथ जी की मूर्ति. भगवान जगन्नाथ जी की मूर्तियां लकड़ी की बनी होती हैं और प्राकृतिक रूप से उनके खराब होने का डर बना रहता है. लकड़ी से बनने के कारण वे समय के साथ खराब हो सकती हैं. इसलिए इन मूर्ति की दिव्यता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हर 12 सालों बाद भगवान जगन्नाथ जी की मूर्तियों को बदला जाता है।

जगन्नाथ जी की मूर्ति कब बदली जाएगी?

भगवान जगन्नाथ की मू्र्ति को 12 साल बाद बदलने के अनुष्ठान को नवकलेवर कहा जाता है. इस दौरान भगवान की पुरानी मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. इस अनुष्ठान को विशेष रूप से आषाढ़ मास में अधिक मास होने पर किया जाता है, जो लगभग 19 सालों में एक बार पड़ता है. अगली बार भगवान जगन्नाथ की मूर्तियां साल 2031 में बदली जाएंगी।

पुरी जगन्नाथ मंदिर में’नवकलेवर’ परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस अनुष्ठान के दौरान पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है और मंदिर के पुजारी विशेष विधि-विधान से पुरानी मूर्तियों से ‘लट्ठा’ निकालकर नई मूर्तियों में स्थापित किया जाता है. यह ‘लट्ठा’ (एक रहस्यमयी चीज मानी जाती है) को बिना देखे और बिना छुए स्थापित किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई इस ‘लट्ठा’ को देख ले तो उसके प्राणों को खतरा हो सकता है।

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