Ganesh Chaturthi : क्यों नहीं देखना चाहिए गणेश चतुर्थी की रात चांद?

By Surekha Bhosle | Updated: August 25, 2025 • 9:57 PM

चतुर्थी का चांद और कलंक: जब श्रीकृष्ण को भी झेलना पड़ा था आरोप

Ganesh Chaturthi : हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार भगवान (Sri Krishna) श्रीकृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी की रात चंद्रमा को देखा, जिसके कारण उन्हें स्यमंतक मणि की चोरी का झूठा आरोप झेलना पड़ा।

धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन चांद देखने से कलंक लगता है, और व्यक्ति झूठे आरोप का शिकार हो सकता है। इस दिन चंद्र दर्शन को वर्जित माना गया है

गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi का त्योहार साल 2025 में 27 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने पर कलंक लगता यानि आपकी मानहानि होती है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने भी एक बार भाद्रपद चतुर्थी का चांद देख लिया था जिसकी वजह से उनपर स्यमंतक मणि चुराने का आरोप लग गया था। चतुर्थी के चांद देखने से जब भगवान पर कलंक लग सकता है तो आम लोगों को भी इसकी वजह से मानहानि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर आप गलती से चतुर्थी का चांद देख लें तो आपको क्या करना चाहिए जिससे आप कलंक से बच सकते हैं। 

चतुर्थी का चांद दिख जाए तो क्या करें?

1.अगर आप गणेश चतुर्थी के दिन गलती से चांद के दर्शन कर लें तो आपको नीचे दिए गए उपाय करने चाहिए। 

चंद्रमा को देखने के बाद नीचे दिए गए मंत्र का जप करने से कलंक दोष से आप बचेंगे।

मंत्र- ‘सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमंतकः।’
माना जाता है कि इस मंत्र का जप भगवान कृष्ण के द्वारा तब किया गया था जब उनपर स्यमंतक मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था। इस मंत्र के प्रभाव से वो कलंक से मुक्ति मिलती है। 

2. गणेश चतुर्थी पर चांद को देखने के बाद कलंक से मुक्ति के लिए आप गणेश जी की विधिवत पूजा भी कर सकते हैं। ऐसा करने से भी कलंक नहीं लगता। आपको गणेश जी की पूजा में मोदक, दुर्वा आदि अर्पित करना चाहिए और इसके बाद गणेश जी के मंत्रों का जप करना चाहिए। गणेश जी के मंत्र ‘ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्’ का आप जप कर सकते हैं या फिर गणेश गायत्री मंत्र जप सकते हैं। इससे किसी भी तरह का गलत आरोप आप पर नहीं लगता। चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करने के बाद आपको गणेश जी से क्षमा याचना भी करनी चाहिए। 

पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक में बैठकर कहीं जा रहे थे। सफर के दौरान मूषकराज की टक्कर किसी चीज से हुई और भगवान गणेश संतुलन खो बैठे और गिर पड़े। यह सब होते चंद्रमा देख रहे थे और वो गणेश जी पर हंसने लगे। यह देखकर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर चंद्रमा को जो देखेगा उसे कलंक का सामना करना पड़ेगा। वहीं कुछ ग्रंथों में यह भी वर्णित है कि चंद्रमा ने गणेश जी की सूंड और उनके रूप का मजाक उड़ाया था इसलिए गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया। 

गणेश चतुर्थी का चाँद क्यों नहीं देखना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखना अशुभ माना जाता है, और ऐसा माना जाता है कि इससे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है. इस मान्यता के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। 

कलंक चतुर्थी कब होती है?

कलंक चतुर्थी, जिसे पत्थर चौथ या चंद्र चतुर्थी भी कहा जाता है, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले होती है। इस दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है, क्योंकि चंद्रमा को देखने से कलंक लगने की मान्यता है। 

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