बिहार पुलिस ने अब अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर सीधा वार करने का मन बना लिया है. DGP विनय कुमार ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संगठित अपराध, शराब, बालू और नशा कारोबार से जुड़ी संपत्तियों की जब्ती अब हर हाल में सुनिश्चित हो.
बिहार पुलिस अब अपराध की कमर तोड़ने के लिए ‘फाइनेंशियल स्ट्राइक’ की रणनीति पर उतर आई है. राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने मंगलवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सभी IG, DIG, SP और थाना प्रभारियों को स्पष्ट आदेश जारी किया है कि संगठित अपराध, शराब और अवैध बालू खनन से अर्जित संपत्तियों की पहचान कर जब्ती की कार्रवाई की जाए.
DGP ने कहा कि अब केवल गिरफ्तारी से बात नहीं बनेगी जरूरी है कि अपराधियों की अवैध कमाई की जड़ पर चोट हो. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रदेशभर में सक्रिय कुख्यात और आदतन अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ वित्तीय कार्रवाई का रोडमैप तैयार करने को कहा है.
प्रस्ताव नहीं भेजने पर फटकार, DGP ने दी चेतावनी
बैठक के दौरान कई जिलों से अब तक जब्ती से जुड़े प्रस्ताव नहीं आने पर डीजीपी विनय कुमार ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तय समयसीमा में रिपोर्ट नहीं आई, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. साथ ही यह भी साफ किया कि अभियान में किसी प्रकार की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
NDPS, शराब, हथियार कानून में चार्जशीटेड अपराधियों पर होगी नजर
पुलिस को निर्देश मिला है कि वह पहले NDPS एक्ट, मद्य निषेध अधिनियम और शस्त्र अधिनियम जैसे गंभीर मामलों में चार्जशीटेड अपराधियों की सूची तैयार करे. इसके बाद इंटेलिजेंस इनपुट और डेटा बेस के ज़रिए उनकी संपत्तियों की पहचान कर जब्ती प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे.
अब राज्य सरकार को मिली जब्ती की सीधी शक्ति
अब तक अपराधियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया CRPC की धारा 102 या फिर UAPA और BMLA जैसे अधिनियमों के तहत चलती थी, जो केंद्रीय एजेंसियों के अधीन थी. लेकिन अब नए भारतीय न्याय संहिता (BNSS) के तहत राज्य सरकार को खुद ही संपत्ति जब्त करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. इससे पुलिस की कार्रवाई पहले से ज्यादा त्वरित और प्रभावशाली होगी.
पहले भी जब्त हुई हैं नक्सलियों और माफियाओं की संपत्तियां
गौरतलब है कि बिहार पुलिस पूर्व में भी नक्सल प्रभावित इलाकों में लाल आतंक से जुड़े नेताओं और माफियाओं की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है. लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में एकसमान और आक्रामक तरीके से लागू की जाएगी, जिससे अपराधी आर्थिक रूप से भी पंगु हो जाएं.
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