उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला जोन इन दिनों वन्यजीव प्रेमियों और सैलानी की पहली पसंद बन गया है। इसकी वजह है बाघिन पारो और उसके तीन युवा बच्चा, जो अधिकतर सफारी के दौरान पर्यटकों को खुले जंगल में दिख जाते हैं।
ढिकाला जोन: रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
कॉर्बेट पार्क के ढिकाला प्रदेश को सदा से टाइगर स्पॉटिंग के लिए मशहूर माना जाता है। यह प्रदेश न केवल बाघों बल्कि हाथी, हिरण, और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियों का भी गृह है। हाल ही में पारो और उसके संतान की नियमित मौजूदगी ने इस प्रदेश को और भी विशिष्ट बना दिया है।
बाघिन पारो की कहानी: शावक से बनी जंगल की रानी
स्थानीय गाइड्स और पर्यटकों के मुताबिक, बाघिन पारो को पहली बार उसके बचपन में देखा गया था। अब वह खुद तीन स्वस्थ संतान की मां बन चुकी है। ये बच्चा अब लगभग डेढ़ से दो वर्ष के हो चुके हैं और पारो के साथ जंगल की पगडंडियों पर घूमते दिखते हैं।

वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए सुनहरा अवसर
पारो और उसके संतान को देखने के लिए बड़ी संख्या में फोटोग्राफर और पर्यटक ढिकाला जोन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कैमरे में कैद होते ये दुर्लभ पल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे इस प्रदेश की लोकप्रियता और बढ़ गई है।
जिम कॉर्बेट: वन विभाग की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था
कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने भी हिफ़ाज़त और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए ढिकाला जोन में गाइड की निगरानी और पर्यटकों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पार्क अधिकारियों के मुताबिक, पारो और उसके शावकों की नियमित निगरानी की जा रही है ताकि कोई बाहरी मुसीबत न हो।