RPF का पूर्व कॉन्स्टेबल गंभीर मानसिक बीमारी के चलते निगरानी में

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बर्खास्त आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतनसिंह चौधरी को साइकोसिस के इलाज के लिए ठाणे मनोरुग्णालय में निगरानी में रखा गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास 2023 में चलती ट्रेन में अपने सीनियर और 3 यात्रियों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार बर्खास्त आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतनसिंह चौधरी को ‘साइकोसिस’ के लिए निगरानी में रखा गया है। एक अस्पताल की रिपोर्ट में दावा किया है कि बीमारी की वजह से आरपीएफ के पूर्व कर्मी का वर्तमान में ठाणे स्थित मनोरुग्णालय में इलाज किया जा रहा है। मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट ने पहले ठाणे जेल मैनेजमेंट से उसकी स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी क्योंकि आरोपी उसकी हिरासत में है। इसके बाद जेल मैनेजमेंट ने ठाणे स्थित मनोरुग्णालय के स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड द्वारा जारी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

‘एक महीने बाद ही उपलब्ध होगी विस्तृत रिपोर्ट’

बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी को 20 फरवरी को अस्पताल लाया गया था और वह ‘साइकोसिस के चलते निगरानी में है’। अस्पताल ने कहा कि उसे ‘असामान्य व्यवहार’ की शिकायत के चलते भर्ती कराया गया था और उसे एक और महीने तक अस्पताल में रखने की जरूरत है। रिपोर्ट पर टिप्पणी में लिखा है कि ‘मरीज का इलाज किया जा रहा है और संबंधित डॉक्टरों द्वारा उसकी अलग-अलग तरह की जांच की जा रही हैं’। इसमें कहा गया कि जांच के एक महीने बाद ही विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध होगी।

31 जुलाई 2023 को ली थी 4 लोगों की जान

34 साल के चौधरी पर 31 जुलाई 2023 को पालघर के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा और 3 यात्रियों की अपने सरकारी हथियार से गोली मारकर हत्या करने का आरोप हैं। यात्रियों द्वारा चेन खींचे जाने के बाद जब ट्रेन मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर मीरा रोड स्टेशन के पास रुकी तो भागने की कोशिश कर रहे चौधरी को पकड़ लिया गया था और उसके पास से हथियार भी बरामद कर लिया गया था। आरपीएफ कॉन्स्टेबल तभी से जेल में है।

आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज हुए थे केस

चौधरी पर आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए, जिनमें 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम के प्रावधान शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, आरपीएफके पूर्व कॉन्स्टेबल ने अपने वरिष्ठ एएसआई मीणा और ट्रेन के ‘बी-5’ डिब्बे में एक यात्री पर गोलियां चलाईं। इसके बाद उसने पैंट्री कार में एक दूसरे यात्री और एस-6 डिब्बे में एक अन्य यात्री को गोली मार दी।

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