पति ने फोन पर दिया तलाक, कमरे में बीवी ने लगाई फांसी
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक महिला को उसके शौहर ने फोन पर तीन तलाक दे दिया। इसके बाद पीड़िता ने ससुराल वालों के दहेज उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई ना करने वाले एक उप-निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। पीटीआई के मुताबिक, पीड़ित महिला सानिया के पास सोमवार शाम को महाराष्ट्र में रहने वाले उसके पति ने फोन किया था, इसके बाद सानिया ने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। वह शनिवार को गोरखपुर अपने मायके आई थी।
तलाक केस : ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न का केस
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गौरव ग्रोवर ने पीड़ित परिवार की एक पूर्व शिकायत पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए उप-निरीक्षक जय प्रकाश सिंह को निलंबित कर दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सानिया की मां आसिया के मुताबिक, उसने अपने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए चौरी चौरा पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया था।
शिकायत को कर दिया था खारिज
एसआई जय प्रकाश सिंह ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया और मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। बाद में एडिशनल एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच में पुष्टि हुई कि सानिया वास्तव में थाने गई थी, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। इस चूक को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने विभागीय जांच के आदेश दिए और सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया।
8 लोगों के खिलाफ एफआईआर
इस मामले में सानिया के पति महाराष्ट्र के रसायनी इलाके के निवासी सलाउद्दीन सहित आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में कहा गया है कि सलाउद्दीन ने सोमवार शाम को फोन पर अपनी पत्नी सानिया से तीन तलाक कहा और कॉल के दौरान दुर्व्यवहार भी किया। घटना से व्यथित होकर उसने उसी रात सानिया ने आत्महत्या कर ली।
2023 में की थी शादी
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसकी बेटी ने 7 अगस्त, 2023 को सलाउद्दीन से शादी की और परिवार की मांग के अनुसार दहेज दिया गया था। हालांकि, सानिया को उसके पति, उसकी मां सायरा, ननद आसिया, खुशबू और रोजी और देवर जिया-उल-उद्दीन और बालाउद्दीन द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता था। उन्होंने कहा कि मामले को सुलझाने के कई प्रयासों के बावजूद उत्पीड़न जारी रहा।
की थी अलग रहने की व्यवस्था
आरोपी सलाउद्दीन ने एक समय सानिया के लिए अलग से रहने की व्यवस्था की थी, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। शिकायत में कहा गया है कि वह 26 अप्रैल को गोरखपुर में अपने मायके लौट आई थी। आसिया ने कहा कि सानिया अपनी छोटी बहन के फोन से लगातार मैसेज भेजती रही। मानसिक आघात से निपटने में असमर्थ सानिया ने यह कदम उठाया। पुलिस ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच चल रही है।