भारत में एक ऐसी जगह है, जहां गंगा नदी का बहाव सामान्य प्रवाह के विपरीत दिखाई देता है, जो देशभर के वैज्ञानिकों और पर्यटकों के लिए जिज्ञासा का विषय बना हुआ है. गंगा का उल्टा बहाव न सिर्फ एक प्राकृतिक घटना है, बल्कि यह धार्मिक पहचान का हिस्सा बन चुका है. पौराणिक कथाओं और आस्था ने इसे और भी खास बना दिया है।
भारत में गंगा को सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि एक आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है. गंगा की धारा में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है. गंगा जल का उपयोग पूजा-पाठ से लेकर जीवन के अंतिम संस्कार तक में होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां गंगा उल्टी बहती है?
यानी अपनी सामान्य दिशा के विपरीत. यह बात जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही रोचक भी. इस जगह का नाम है काशी या जिसे हम वाराणसी के नाम से भी जानते हैं. काशी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है और हिंदू धर्म में इसे बहुत पवित्र माना गया है. यहां मरने को मोक्ष का द्वार समझा जाता है. इस शहर में गंगा का बहाव बाकी जगहों से अलग है. यहां गंगा उत्तर की ओर नहीं, बल्कि दक्षिण की तरफ बहती दिखाई देती है. यहां गंगा नदी अन्य स्थानों के विपरीत उल्टी दिशा में बहती है।
क्या कारण है गंगा उल्टे बहने का
इस अनोखी घटना के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है. मान्यता है कि जब गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं, तब उनका वेग बहुत तेज था. बहते हुए वे काशी के पास से गुजर रही थीं. उसी समय भगवान दत्तात्रेय वहां तप कर रहे थे. गंगा की धारा के तेज बहाव में भगवान का कमंडल और आसन बह गए।
जब उन्हें इसका पता चला, तो उन्होंने गंगा से कहा कि वे उनके सामान को लौटा दें. गंगा ने माफी मांगी और उनके कमंडल व आसन को वापस किया. इसके बाद गंगा ने अपना बहाव मोड़ दिया और उल्टी दिशा में बहने लगीं. कहा जाता है कि यह परिवर्तन भगवान दत्तात्रेय के सम्मान में हुआ था।
क्या वजह है इसके पीछे की ?
अगर वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो काशी में गंगा के उलटे बहने का एक भौगोलिक कारण भी है. दरअसल गंगा नदी काशी के पास धनुष की तरह मुड़ जाती है. पहले वह पूरब की ओर जाती है, फिर एक मोड़ लेकर उत्तर-पूर्व की ओर. इसी वजह से गंगा का बहाव उलटा लगता है. यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि धरती की बनावट का असर है. लेकिन धार्मिक आस्था से जुड़ा होने के कारण लोग इसे एक दिव्य चमत्कार ही मानते हैं।
क्या है इसका धार्मिक असर?
गंगा के उलटे बहाव को बहुत शुभ माना जाता है. यहां हर साल लाखों लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं. उनका मानना है कि यहां स्नान करने से जीवन के सारे दोष मिट जाते हैं. काशी की यह खासियत इसे बाकी तीर्थों से अलग बनाती है. भक्त इसे ईश्वर की कृपा मानते हैं।