विटामिन D को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी विटामिन है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह सेल्स ग्रोथ व ब्लड प्रेशर रेगुलेशन में भी मदद करता है।
विटामिन D की कमी से होने वाले कैंसर
कोलोरेक्टल (आंतों का) कैंसर
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में सितंबर 2022 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन D कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि को रोकता है, और इसकी कमी से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर
जनवरी 2012 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि विटामिन D की कमी से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
फेफड़ों का कैंसर
नवंबर 2017 में हेल्थ जर्नल मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, विटामिन D की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
प्रोस्टेट (पुरुषों का) कैंसर
अक्टूबर 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन D के बहुत कम या बहुत अधिक स्तर से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
पैंक्रियाटिक (अग्नाशय का) कैंसर
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि विटामिन D की गंभीर कमी पैंक्रियाटिक कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
विटामिन D की कमी के कारण
सूरज की रोशनी से दूर रहना
डॉ. समित पुरोहित के अनुसार, विटामिन D की कमी का मुख्य कारण है कि लोग आजकल बहुत कम समय सूरज की रोशनी में बिताते हैं। घरों और ऑफिसों में ज्यादातर समय बिताने के कारण शरीर को आवश्यक UVB किरणें नहीं मिल पाती हैं, जिससे विटामिन D का निर्माण नहीं हो पाता।
आहार में विटामिन D की कमी
विटामिन D के पर्याप्त स्रोत जैसे मछली, अंडे, और विटामिन D से समृद्ध खाद्य पदार्थों का आहार में कम सेवन भी इसकी कमी का एक कारण हो सकता है।
जीवनशैली और बाहरी कारक
समय की कमी, अस्वस्थ जीवनशैली, और पोषण की कमी जैसे बाहरी कारक भी विटामिन D की कमी को बढ़ा सकते हैं।
विटामिन D की कमी को पूरा कैसे करें?
सूरज की रोशनी का अधिक सेवन
यह सबसे प्राकृतिक तरीका है। दिन में कुछ समय सूरज की रोशनी में बिताने से शरीर में विटामिन D का उत्पादन बढ़ता है।
विटामिन D से समृद्ध आहार लेना
मछली, अंडे, और विटामिन D से समृद्ध आहार का सेवन विटामिन D की कमी को पूरा कर सकता है।
विटामिन D सप्लीमेंट्स का सेवन
यदि आहार और सूरज की रोशनी से विटामिन D की कमी पूरी नहीं हो रही है, तो विटामिन D सप्लीमेंट्स का सेवन भी एक विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
नियमित स्वास्थ्य जांच
विटामिन D की कमी का पता लगाने के लिए नियमित रूप से खून की जांच करवाना भी जरूरी है। इससे किसी भी गंभीर समस्या का समय पर पता चल सकता है।
निष्कर्ष
विटामिन D की कमी से केवल हड्डियों की समस्याएं नहीं होती, बल्कि यह कैंसर जैसे गंभीर रोगों के जोखिम को भी बढ़ा सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी जीवनशैली में विटामिन D के उचित स्रोतों को शामिल करें और इसके स्तर की नियमित जांच करवाएं। स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और उचित सावधानी रखना बेहद महत्वपूर्ण है।