Donald Trump का बड़ा संकेत India के साथ होगी बड़ी डील, China पर भी कसा तंज ट्रंप का बड़ा ऐलान, इंडिया के साथ मजबूत गठजोड़ की तैयारी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने एक बार फिर भारत को लेकर
सकारात्मक संकेत देते हुए बड़ी डील की बात कही है।
उन्होंने कहा कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति बने तो भारत के साथ एक ‘मेजर डील’ करेंगे,
जो दोनों देशों के हित में होगी।
क्या कहा Donald Trump ने?
- ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“India is a great friend. We are planning something very big together.” - उन्होंने संकेत दिया कि रक्षा, व्यापार और टेक्नोलॉजी सेक्टर में
नई रणनीतिक साझेदारी की संभावना है - ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि मोदी के साथ उनके संबंध बेहद मजबूत और भरोसेमंद हैं
चीन पर साधा निशाना
- ट्रंप ने भारत की सराहना करते हुए चीन को लेकर कड़ा रुख अपनाया
- कहा कि
“China ने पूरी दुनिया को गुमराह किया है और अमेरिका अब आंखें मूंदकर भरोसा नहीं कर सकता।” - साथ ही भारत को “स्थिर लोकतंत्र और भरोसेमंद भागीदार“ बताया
क्या हो सकती है बड़ी डील?
- विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की वापसी की स्थिति में
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, रक्षा उपकरण, और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को लेकर
भारत-अमेरिका के बीच नई साझेदारी हो सकती है - भारत के लिए यह डील आर्थिक और सामरिक दृष्टि से फायदेमंद साबित हो सकती है
भारत को लेकर Donald Trump की पुरानी नीति
- ट्रंप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों ने नया मोड़ लिया था
- ‘Howdy Modi’ और ‘Namaste Trump’ जैसे कार्यक्रमों ने दोनों देशों के रिश्तों को
जनता के बीच लोकप्रिय बनाया था - उन्होंने चीन के मुकाबले भारत को विश्वसनीय साझेदार मानने की नीति अपनाई थी
चुनावी रणनीति या अंतरराष्ट्रीय संकेत?
- कुछ विश्लेषक इसे ट्रंप की चुनावी रणनीति मान रहे हैं,
जिसमें वह भारत जैसे बड़े लोकतंत्र को सपोर्ट बेस की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं - वहीं, कुछ इसे अमेरिका की बदलती विदेश नीति के संकेत के रूप में देख रहे हैं
- यह भी साफ है कि चीन के साथ अमेरिका के संबंधों में ठंडापन बरकरार है,
और भारत को उसका स्ट्रैटेजिक विकल्प माना जा रहा है
Donald Trump का भारत को लेकर यह बयान सिर्फ चुनावी भाषण नहीं, बल्कि यह आने वाले अंतरराष्ट्रीय समीकरणों का संकेत हो सकता है। अगर Donald Trump सत्ता में लौटते हैं तो भारत के साथ नई और बड़ी डील की उम्मीद की जा सकती है, जो न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र को प्रभावित करेगी, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी भारत की भूमिका को मजबूत करेगी।