DPS Dwarka को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, नाम काटे गए छात्रों को दोबारा लें दाखिला
दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल DPS Dwarka को लेकर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। जिन छात्रों का नाम स्कूल प्रशासन ने हटा दिया था, उन्हें अब फिर से स्कूल में वापस लेने का आदेश दिया गया है। साथ ही अदालत ने माता-पिता और स्कूल प्रशासन, दोनों को कुछ ज़रूरी सुझाव भी दिए हैं।
क्या है मामला?
कुछ समय पहले DPS Dwarka ने फीस भुगतान में देरी और अन्य प्रशासनिक कारणों से कई छात्रों का नाम काट दिया था।
इस पर कई अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
उन्होंने यह तर्क दिया कि बच्चों की शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है।

कोर्ट का क्या फैसला रहा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा:
- बच्चों की शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है, इसे इस तरह समाप्त नहीं किया जा सकता।
- स्कूल प्रबंधन को आदेश दिया गया कि वे नाम काटे गए सभी छात्रों को फिर से दाखिला दें।
- साथ ही पैरेंट्स को भी सलाह दी गई कि वे समय पर फीस का भुगतान करें और स्कूल के नियमों का पालन करें।
कोर्ट ने क्या कहा अभिभावकों से?
- बच्चों की शिक्षा के लिए संवेदनशील रवैया अपनाएं
- किसी भी विवाद को कानूनी या संवाद से सुलझाएं
- स्कूल के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार करें
DPS Dwarka की प्रतिक्रिया
स्कूल प्रशासन ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि वे जल्द ही आवश्यक प्रक्रियाएं शुरू करेंगे और जिन छात्रों का नाम हटाया गया था, उन्हें वापस लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि स्कूल की वित्तीय स्थिति और अनुशासन बनाए रखना भी जरूरी है।

DPS Dwarka और अभिभावकों के बीच चला यह विवाद अब कोर्ट के फैसले से सुलझता नजर आ रहा है। यह मामला एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है कि बच्चों की शिक्षा से जुड़े मामलों में अदालतें कितनी संवेदनशील और सक्रिय होती हैं। साथ ही स्कूल और पेरेंट्स दोनों को यह समझने की ज़रूरत है कि साझेदारी से ही शिक्षा प्रणाली मजबूत हो सकती है।