डॉ. गिरीश गुप्ता: उम्र सिर्फ एक संख्या है, यह बात 84 साल काडॉ. गिरीश मोहन गुप्ता ने एक बार फिर साबित कर दी है। उन्होंने IIM संबलपुर से ‘एमबीए फॉर वर्किंग प्रोफेशनल्स’ प्रोग्राम में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए डिग्री प्राप्त की है और अब प्रबंधन में पीएचडी करने की मुस्तैदी में हैं।
अनुशासन और जिज्ञासा ने दिलाई कामयाबी
डॉ. गुप्ता ने बताया कि वह कक्षा में सबसे पहले पहुंचने वालों में से एक थे। 7.4 Percentage के साथ स्नातक हुए गुप्ता का कहना है कि “सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जब तक आप जिज्ञासु हैं, तब तक हर दिन एक नया मौका है।”

प्रेरणादायक करियर और योगदान
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जन्मे डॉ. गुप्ता ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया। उन्होंने फास्ट ब्रीडर रिएक्टर और सोडियम आधारित औजार पर काम किया।
कामधंधा और नवोन्मेष में अग्रणी
अपने वैज्ञानिक करियर के बाद, उन्होंने ‘जेनो इंजीनियरिंग’ सहित कई संगठनो की स्थापना की, जिन्होंने रक्षा, रेलवे और निजी क्षेत्र के लिए उत्पाद विकसित किए। उनके इनोवेशन से अब तक 345 से ज्यादा नौकरियां बनी हैं और करोड़ों की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
डॉ. गिरीश गुप्ता: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
1986 में उन्हें राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 2022 में CII ने उनकी कंपनी को भारत का सर्वाधिक नवाचारी उद्यम प्रकट किया।