रूसी ड्रोन की नाटो देशों में घुसपैठ से बढ़ता तनाव
बुखारेस्ट: यूक्रेन युद्ध के बीच, रूसी सैन्य ड्रोनों(Drone) ने एक सप्ताह से भी कम समय में दो बार नाटो सदस्य देशों – पोलैंड और रोमानिया(Romania) के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ(Infiltration) की है। इन लगातार घटनाओं ने पूर्वी यूरोप में तनाव को काफी बढ़ा दिया है। यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जानबूझकर नाटो की प्रतिक्रिया और धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। इन घुसपैठों के जवाब में, नाटो ने इन दोनों देशों के हवाई क्षेत्र में अपनी गश्त बढ़ा दी है और अपने हवाई रक्षा प्रणालियों को हाई अलर्ट पर रखा है। पोलैंड ने तो नाटो के अनुच्छेद 4 के तहत एक तत्काल बैठक भी बुलाई है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि नाटो यूक्रेन में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना सकता है।
रोमानिया की जवाबी कार्रवाई और ड्रोन को न गिराने का कारण
शनिवार को, रोमानिया ने यूक्रेन की सीमा से लगे अपने हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन(Drone) की घुसपैठ की पुष्टि की। यह ड्रोन एक यूक्रेनी बुनियादी ढांचे पर हमला करने की तैयारी में था। रोमानिया ने इस खतरे का जवाब देने के लिए अपने दो F-16 लड़ाकू विमानों को तैनात किया। हालांकि, रोमानियाई रक्षा मंत्री इयोनुत मोस्टेनु ने बताया कि पायलटों ने ड्रोन(Drone) को मार गिराने की तैयारी कर ली थी, लेकिन उसकी कम ऊंचाई और यूक्रेन की ओर वापस जाने के मार्ग को देखते हुए उन्होंने अंतिम क्षण में गोलीबारी रोक दी। इसका मुख्य कारण यह था कि ड्रोन के मलबे से रोमानियाई क्षेत्र में नागरिकों को कोई नुकसान न हो। बाद में, यह पुष्टि की गई कि यह ड्रोन गेरान मॉडल का था, जिसका इस्तेमाल रूसी सेना अक्सर करती है।
संघर्ष के नाटो क्षेत्र में फैलने की आशंका
इन लगातार ड्रोन(Drone) घुसपैठ की घटनाओं ने इस चिंता को बढ़ा दिया है कि यूक्रेन में चल रहा संघर्ष नाटो के क्षेत्र में भी फैल सकता है। ये घटनाएं फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण के बाद से यूक्रेन में युद्ध के सबसे गंभीर परिणामों में से एक हैं। रोमानिया ने इस घटना के विरोध में रूसी राजनयिक को तलब भी किया है। ये घुसपैठें न केवल रोमानिया और पोलैंड की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि ये रूस और नाटो के बीच सीधे सैन्य टकराव की संभावना को भी बढ़ाती हैं।
रूसी ड्रोन ने पोलैंड और रोमानिया के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ क्यों की?
माना जा रहा है कि रूस जानबूझकर नाटो देशों की प्रतिक्रिया और धैर्य की परीक्षा ले रहा है। ये घुसपैठें यूक्रेन युद्ध के दौरान नाटो को एक चेतावनी देने के लिए की गई हैं।
रोमानियाई F-16 लड़ाकू विमान ने रूसी ड्रोन को क्यों नहीं मार गिराया?
रोमानियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पायलटों ने ड्रोन की कम ऊंचाई और उसके यूक्रेन की ओर वापस जाने के रास्ते को देखते हुए उसे नहीं गिराने का फैसला किया, ताकि उसके मलबे से रोमानियाई क्षेत्र में कोई नुकसान न हो।
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