कोविड 19 के दौरान सितंबर 2020 में केरल के पथानामथिट्टा जिले में एक एंबुलेंस चालक ने कोविड पीड़िता से दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 366, 376, 354 और एससी/एसटी पीओए एक्ट की धारा 5ए के तहत दोषी पाया। कोर्ट सजा का एलान कल करेगा।
पथानामथिट्टा केरल के पथानामथिट्टा जिले के अरनमुला में सितंबर 2020 में एंबुलेंस में कोविड मरीज से दुष्कर्म करने वाला चालक दोषी पाया गया है। पथानामथिट्टा के प्रधान सत्र न्यायालय ने आरोपी नौफल को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि सजा का एलान कल किया जाएगा।
कोविड 19 के दौरान सितंबर 2020 में केरल के पथानामथिट्टा जिले में एक एंबुलेंस चालक ने कोविड पीड़िता से दुष्कर्म किया था। बताया जाता है कि राज्य सरकार की कानिव 108 एंबुलेंस सेवा से युवती को अदूर के पास वडक्केदाथुकावु में उसके चाचा के घर से पंडलम के कोविड विशेष अस्पताल ले जाया जा रहा था। उसे एंबुलेंस ने रात 10 बजे के आसपास घर से पिक किया था। एंबुलेंस को 25 वर्षीय नौफल वी चला रहा था।
एंबुलेंस चालक ने घर से कुछ दूर एक अन्य बुजुर्ग महिला को उठाया और उसे अरनमुला के पास कोझानचेरी में सीएफएलटीसी में छोड़ दिया था। इसके बाद नौफाल ने एंबुलेंस को अरनमुला से बहुत दूर एक सुनसान जगह पर पार्क किया और कोविड पीड़ित युवती के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह युवती को पंडलम सीएफएलटीसी में छोड़कर भाग गया।
युवती ने मामले की जानकारी अस्पताल के कर्मचारियों को दी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि आरोपी एंबुलेंस चालक पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज था। वहीं एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा के निर्देश के बाद एंबुलेंस चालक को सेवा से हटा दिया था।
ईएमटी भी नहीं था एंबुलेंस
नियमों के अनुसार एंबुलेंस में एक आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) होना चाहिए, लेकिन इस मामले में केवल चालक ही मौजूद था। वहीं बताया गया कि निजी कंपनी द्वारा संचालन किए जाने के चलते नर्सें भी एंबुलेंस में नहीं जाती थी। कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 366, 376, 354 और एससी/एसटी पीओए एक्ट की धारा 5ए के तहत दोषी पाया।