दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में आज सुबह भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र हरियाणा का झज्जर था। लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। इस दौरान दिल्ली मेट्रो को रोक दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि जब भारतीय रेलवे भूकंप में ट्रेनों को नहीं रोकता, तो दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को मेट्रो क्यों रोकनी पड़ती है? आइए जानते हैं इसकी वजह।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय रेलवे की ट्रेनें भारी होती हैं और अपेक्षाकृत धीमी गति से चलती हैं। ज़्यादातर जगहों पर उनका ट्रैक ज़मीन पर स्थिर होता है, जो भूकंप के हल्के झटकों को आसानी से सहन कर सकता है। यही वजह है कि ट्रेनों को आमतौर पर नहीं रोका जाता है। मेट्रो यात्री अरशद के अनुसार, भूकंप के समय मेट्रो को दो से तीन मिनट के लिए रोका गया था, लेकिन ट्रेन में भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए।
इसलिए मेट्रो को रोकना पड़ता है
वहीं, मेट्रो ट्रेनें हल्की होती हैं और अक्सर ऊंचे खंभों या भूमिगत सुरंगों में तेज़ गति से चलती हैं। उनकी गति भी तेज़ होती है। इस वजह से भूकंप के झटकों से उनका इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) प्रभावित हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, भूकंप के दौरान मेट्रो को रोकना ज़रूरी हो जाता है।
स्वचालित सुरक्षा प्रणाली
मेट्रो सिस्टम में अत्याधुनिक भूकंप सेंसर (सिस्मिक सेंसर) लगे होते हैं, जो हल्के झटकों का भी पता लगा लेते हैं। झटके लगते ही ये सेंसर तुरंत ट्रेनों को रोकने का संकेत देते हैं। सामान्य ट्रेनों में ऐसी स्वचालित प्रणाली आमतौर पर नहीं होती है, यही वजह है कि इन ट्रेनों को मैन्युअल रूप से नियंत्रित किया जाता है।
मेट्रो में अधिक यात्री होते हैं
मेट्रो शहरों में चलती है, जहाँ ट्रेनों में अक्सर भीड़ होती है। भूकंप के दौरान मेट्रो स्टेशन या ट्रेन में अफरा-तफरी मचने का खतरा रहता है। इस वजह से मेट्रो को तुरंत रोका जाता है. वहीं, दूसरी ओर, सामान्य ट्रेनें अक्सर कम भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में चलती हैं और भूकंप के हल्के झटकों में उन्हें रोकने की ज़रूरत नहीं होती है।
संवेदनशील इंफ्रास्ट्रक्चर
मेट्रो का बुनियादी ढाँचा (जैसे पिलर, सुरंगें और स्टेशन) भूकंप में अधिक संवेदनशील होते हैं। भूकंप के झटके इन इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित कर सकते हैं। जबकि सामान्य ट्रेन ट्रैक ज़मीन पर बिछे होते हैं, जो अपेक्षाकृत स्थिर रहते हैं।
नियंत्रण और प्रबंधन भी एक वजह
मेट्रो का संचालन केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से होता है, जो भूकंप की स्थिति में तुरंत निर्णय ले सकता है। रेलवे का संचालन ऐसा नहीं होता है, और भूकंप के दौरान ट्रेन को रोकने का निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया जाता है, जिसमें समय लग सकता है।
भारत में सबसे खतरनाक भूकंप कब आया था?
17 फरवरी, 2025 को दिल्ली में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था. भूकंप जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई में आया था.
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