नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18-19 जुलाई 2025 को पंजाब और मुंबई में नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के एक विशाल रैकेट का पर्दाफाश हुआ। यह ऑपरेशन पंजाब के 22 प्राइवेट डि-एडिक्शन सेंटर्स के गलत इस्तेमाल से जुड़ा है, जो नशा छुड़ाने के नाम पर अवैध ड्रग बिक्री और करोड़ों रुपये की काली कमाई में शामिल थे।
ED ने चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिससे इस नेटवर्क के कई अहम खुलासे हुए।
इस रैकेट का मास्टरमाइंड डॉ. अमित बंसल है, जो इन डि-एडिक्शन सेंटर्स के जरिए ड्रग्स की अवैध बिक्री में लिप्त था। पंजाब सरकार ने इन सेंटर्स को नशा छुड़ाने के लिए बुप्रेनॉर्फिन/नालोक्सोन (BNX) जैसी दवाएं दी थीं, लेकिन इनका दुरुपयोग कर नशे के नए रूप को बढ़ावा दिया जा रहा था।
इन सेंटर्स ने “अतिरिक्त मात्रा” में दवाएं मंगवाईं और इन्हें अवैध रूप से बेचकर मोटी कमाई की। इस कारोबार में रूसन फार्मा लिमिटेड और ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर भी शामिल थीं, जिनके ठिकानों पर छापे मारे गए। रूपप्रीत पर गलत इंस्पेक्शन रिपोर्ट देने का आरोप है, जिससे इस रैकेट को संरक्षण मिला।
ED की कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हुई, जो पंजाब पुलिस की 30 FIRs पर आधारित थी। जांच में पता चला कि इन सेंटर्स ने ड्रग तस्करी और अवैध बिक्री के जरिए करोड़ों रुपये की काली कमाई की, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की गई। छापेमारी में कई दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए, जो इस नेटवर्क की गहराई को दर्शाते हैं।
पंजाब में नशे की समस्या ने सामाजिक और आर्थिक स्तर पर गंभीर नुकसान पहुंचाया है। यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल ड्रग तस्करी को रोकने की कोशिश है, बल्कि उन संस्थानों पर भी नकेल कस रही है, जो नशा छुड़ाने के नाम पर इस गोरखधंधे को चला रहे थे।
ED और पंजाब पुलिस अब इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह कार्रवाई नशे के खिलाफ जंग में एक मजबूत संदेश देती है।
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प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी की शक्तियाँ क्या हैं?
फेमा की धारा 37 के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय को जाँच करने, तलाशी लेने और ऐसी जाँच के दौरान संपत्ति जब्त करने का अधिकार है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सर्वोच्च पद कौन सा है?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशक करते हैं, जो भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी होते हैं।