निदेशक बोले- 1700 से अधिक केसों पर हो रही सुनवाई
प्रवर्तन निदेशालय के स्थापना दिवस कार्यक्रम में निदेशक राहुल नवीन ने कहा कि ईडी मामलों में दोषसिद्धि की दर 93.6 प्रतिशत है। अब तक अदालतों द्वारा तय किए गए 47 मामलों में से केवल तीन मामलों में ही आरोपियों को बरी किया गया है।
मनी लॉड्रिंग के मामलों में कार्रवाई करने में ईडी कोई कोताही नहीं बरत रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक राहुल नवीन ने कहा कि ईडी 1700 से अधिक मनी लॉड्रिंग मामलों की जांच कर रही है। ये सभी मामले मौजूदा समय में सुनवाई की प्रक्रिया में हैं। इनकी सुनवाई में हो रही न्यायिक प्रक्रिया के तहत सामान्य है।
प्रवर्तन निदेशालय के स्थापना दिवस कार्यक्रम में निदेशक राहुल नवीन ने कहा कि ईडी मामलों में दोषसिद्धि की दर 93.6 प्रतिशत है। अब तक अदालतों द्वारा तय किए गए 47 मामलों में से केवल तीन मामलों में ही आरोपियों को बरी किया गया है। मौजूदा समय में मनी लॉड्रिंग के कुल 1,739 मामले विचाराधीन हैं। धन शोधन मामलों में अभियोजन में देरी के लिए देश में न्याय प्रणाली में सामान्य देरी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
- नवीन ने कहा कि वह मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामलों में लंबित जांच को स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हैं।
- एजेंसी का प्रयास होगा कि ऐसे मामलों में अदालतों के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया जाए।
- ईडी अपनी जांच में बेहतर तकनीक और फॉरेंसिक का उपयोग करेगी।
- संघीय जांच एजेंसी ने अपनी स्थापना के 69 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
- प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1 मई, 1956 को हुई थी।
- ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के नागरिक प्रावधानों के अलावा दो आपराधिक कानून धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) मामलों की जांच भी करता है।
पिछले साल ईडी के निदेशक बने थे राहुल नवीन
केंद्र सरकार ने राहुल नवीन को पिछले साल ईडी का निदेशक बनाया था। राहुल नवीन भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के 1993 बैच के अधिकारी हैं। 15 सितंबर 2023 को संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से उन्होंने प्रभारी निदेशक के तौर पर प्रवर्तन निदेशालय का कामकाज संभाला था। नवीन 30 साल तक आयकर विभाग में सेवाएं दे चुके हैं।
Read: More : NMDC : एनएमडीसी के ईडी सतेन्द्र राय डिजिटल चैम्पियंस अवार्ड से सम्मानित