काहिरा: मिस्र(Egyptian) के काहिरा में स्थित तहरीर चौक के संग्रहालय(Archive) से 3,000 साल पुराना ब्रेसलेट गायब हो गया है। यह बेशकीमती कंगन प्राचीन मिस्र(Egyptian) के शासक फराओ (फिरौन) अमेनेमोप का था, जो सोने और नीले रत्न लैपिस लाजुली से बना है। अधिकारियों ने पहले गुप्त रूप से इसकी जांच की, लेकिन जब वे असफल रहे, तो उन्होंने इस घटना को सार्वजनिक किया। लापता कलाकृति की तस्वीरें मीडिया को जारी की गई हैं और तस्करी को रोकने के लिए हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह घटना तब सामने आई जब कर्मचारी रोम में होने वाली एक प्रदर्शनी के लिए वस्तुओं को पैक कर रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय तस्करी और संभावित भविष्य
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी(Cambridge University) के पुरातत्वविद क्रिस्टोस त्सिरोगियानिस के अनुसार, इस तरह की कीमती वस्तुओं का एक बड़ा काला बाजार है, इसलिए इसका गायब होना चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने इसके भविष्य के बारे में कई संभावनाएं बताईं। पहली संभावना यह है कि इसे विदेश(Egyptian) में तस्करी किया जा सकता है और यह जाली दस्तावेजों के साथ किसी नीलामी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फिर से सामने आ सकता है। दूसरी संभावना यह है कि तस्कर इसे पिघलाकर सोना बेच सकते हैं, हालांकि इससे इसका ऐतिहासिक मूल्य खत्म हो जाएगा और इसका पता लगाना लगभग असंभव हो जाएगा।
निजी संग्रह और वापसी की उम्मीद
एक और संभावना यह है कि फिरौन का यह बेशकीमती ब्रेसलेट किसी निजी कलेक्टर के संग्रह में चला गया हो। ऐसे मामलों में, कलाकृति लंबे समय तक सार्वजनिक नज़रों से छिपी रह सकती है। हालांकि, यह भी संभव है कि इसे बाद में संग्रहालय को वापस कर दिया जाए। मिस्र सरकार अवैध पुरावशेषों के व्यापार को रोकने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही है। पिछले साल भी इसी तरह की तस्करी के संदेह में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह घटना मिस्र के समृद्ध इतिहास और उसकी धरोहरों की सुरक्षा के लिए चल रही चुनौतियों को उजागर करती है।
फराओ अमेनेमोप का ब्रेसलेट किस धातु और रत्न से बना था?
यह ब्रेसलेट सोने से बना था और इसमें नीले रंग का लैपिस लाजुली रत्न जड़ा हुआ था।
मिस्र(Egyptian) के अधिकारियों ने ब्रेसलेट के गायब होने की घोषणा तुरंत क्यों नहीं की?
मिस्र(Egyptian) के पुरावशेष मंत्रालय ने बताया कि अधिकारियों ने जांचकर्ताओं को जांच करने के लिए उचित और गुप्त वातावरण देने के लिए इस घटना को सार्वजनिक करने में देरी की।
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