Latest Hindi News : चुनाव लड़ने की उम्र घटाने की सिफारिश से चुनाव आयोग नहीं रखता इत्तेफाक

By Anuj Kumar | Updated: September 22, 2025 • 10:59 AM

नई दिल्ली,। चुनाव लड़ने की उम्र 21 साल करने को लेकर संसद की स्थायी समिति की सिफारिश से चुनाव आयोग इत्तेफाक नहीं रखता। आयोग ने समिति को भेजी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 18 साल की उम्र में भले ही वोट देने का अधिकार मिल जाता है, लेकिन इस अवस्था में इतनी परिपक्वता नहीं होती कि युवा संसद या विधानमंडल (Vidhamandal) जैसे अहम पद की जिम्मेदारियां समझ और संभाल सके।

समिति की सिफारिश

संसद की स्थायी समिति की अगुआई बीजेपी सांसद बृजलाल (Bjp MP Brijlal) कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित और नए जमाने की सोच वाले युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जोड़ने के लिए देश को चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने पर फिर से विचार करना चाहिए।

आठ करोड़ युवाओं को मिलेगा मौका

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बदलाव लागू होता है तो देशभर में कम से कम आठ करोड़ और युवा चुनाव लड़ने की योग्यता हासिल कर लेंगे।

मंत्रालय और अन्य संगठनों से मशविरा

स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट विधि और न्याय मंत्रालय को भेजी है और उम्मीद जताई है कि इस प्रस्ताव पर विभिन्न विभागों और संगठनों के बीच व्यापक चर्चा होनी चाहिए। इसमें युवा संगठनों, संविधान विशेषज्ञों, सामाजिक और नागरिक संगठनों को भी शामिल कर उनकी राय ली जानी चाहिए।

पहले भी हो चुकी है सिफारिश

चुनाव लड़ने की उम्र घटाने की सिफारिश पहले भी हो चुकी है। अगस्त 2023 में संसद की स्थायी समिति ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 18 साल करने का सुझाव दिया था।

पश्चिमी देशों का उदाहरण

समिति ने कनाडा, ब्रिटेन (Britain) ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों का उदाहरण दिया है, जहां मतदान करने और चुनाव लड़ने की उम्र समान है।

युवा मतदाताओं का आंकड़ा

भारत में फिलहाल कुल मतदाता लगभग 99 करोड़ हैं। इनमें से 20 से 29 साल की आयु वाले 19 करोड़ 74 लाख मतदाता हैं। वहीं, 21 से 25 साल की उम्र के बीच 8 करोड़ मतदाता आते हैं और 18 से 19 साल के मतदाता 1 करोड़ 84 लाख हैं।

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