पटना,। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (MLA Election) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar) इस हफ्ते टीम के साथ बिहार आने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के साथ ही चुनावी तैयारियों की आधिकारिक शुरुआत हो जाएगी।
समय-सीमा और त्योहारों का ध्यान
चुनाव आयोग 22 नवंबर तक नई विधानसभा के गठन की संवैधानिक समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करेगा। यह ऐलान दशहरा और दिवाली के बीच किए जाने की संभावना है।
हालांकि, इस बीच बिहार का सबसे बड़ा पर्व छठ भी आता है। इसलिए आयोग मतदान की तारीखें इस तरह तय करेगा कि त्योहारों और चुनावी प्रक्रिया में कोई टकराव न हो
मतदाता सूची का पुनरीक्षण जारी
फिलहाल बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य चल रहा है। इसके तहत नई वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। आयोग ने संकेत दिए हैं कि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर तक प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होगा।
पिछली बार का अनुभव
बता दें, पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में तीन चरणों में कराए गए थे। उस दौरान कोरोना महामारी जैसी बड़ी चुनौती भी थी, लेकिन आयोग ने सफलतापूर्वक चुनाव कराया था।
इस बार भी बहु-चरणीय चुनाव की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि इस बार मतदान सिर्फ दो चरणों में भी संपन्न कराया जा सकता है।
त्योहार और मतदान की रणनीति
बिहार में दशहरा, दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों में बड़ी संख्या में लोग धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं। इसीलिए चुनाव आयोग चाहता है कि मतदान की तारीखें इन पर्वों से न टकराएं। विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग अक्टूबर के मध्य से नवंबर के पहले सप्ताह तक चुनावी कार्यक्रम शुरू कर सकता है।
राजनीतिक दलों में सरगर्मी
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियाँ बनाने में जुट गए हैं। सत्तारूढ़ दल जहां विकास कार्यों और योजनाओं को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति बना रहा है।
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