SpaceX Starsh: एलन मस्क का सपना अब हकीकत बनने के करीब है। स्पेसएक्स का मेगा रॉकेट स्टारशिप एक बार फिर लॉन्च के लिए प्रबन्ध है।
इससे पहले दो टेस्ट फेल रहे थे, लेकिन इस बार पूरी दुनिया की निगाहें इस लॉन्च पर टिकी हैं। अगर यह मिशन कामयाब होता है, तो यह न सिर्फ मस्क का सपना पूरा करेगा, बल्कि मानवता के लिए भी अंतरिक्ष की ओर एक नया दरवाज़ा खोलेगा।
चंदा मामा अब दूर नहीं
बचपन में हमने “चंदा मामा दूर के” जैसी कई कहानियां सुनीं। लेकिन एलन मस्क अब चांद को और करीब लाना चाहते हैं। उनका मिशन है कि इंसान चांद और मंगल पर बस सके।
28 मई को स्टारशिप का मेगा लॉन्च इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। यह लॉन्च भारत में प्रातःकाल 5 बजे के करीब होगा, जब अधिकतर लोग सो रहे होंगे।

स्टारशिप की खासियत और ताकत
- ऊंचाई: 123 मीटर (403 फीट)
- वजन: 5,000 मीट्रिक टन
- सिस्टम: सुपर हैवी बूस्टर + स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट
- लक्ष्य: चांद, मंगल और पृथ्वी के बीच क्रू और कार्गो ले जाना
- फीचर: पूरी तरह से रियूजेबल (बार-बार प्रयोग होने योग्य)
इस मेगरॉकेट की सहायता से पृथ्वी के किसी भी कोने में एक घंटे से कम में पहुंचना भी संभव होगा। यह रॉकेट दुनिया का सबसे ताकतवर और ऊंचा लॉन्च व्हीकल है।
मंगल तक सिर्फ 6 महीने में यात्रा
SpaceX Starsh: एलन मस्क (Elon Musk) का दावा है कि स्टारशिप से मंगल ग्रह की सफर अब केवल 6 महीने में हो सकती है। पहले यह अनुमान 10 साल का था।
अगर यह सच होता है, तो यह अंतरिक्ष यात्रा में क्रांति ला सकता है। SpaceX इस प्रोजेक्ट को “Making Life Multiplanetary” कहकर प्रचारित कर रहा है।
पिछली असफलताएं और इस बार की उम्मीदें
अब तक स्टारशिप के दो टेस्ट फेल हो चुके हैं। दोनों बार रॉकेट आग के गोले में बदल गया और मलबा कैरेबियाई द्वीपों पर गिरा।
इससे कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई थीं। इस बार मस्क और उनकी टीम पर सही, सेफ और कामयाब लॉन्च का भारी दबाव है