डॉ. ए. नम्रता समेत 25 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज कर सकता है और सरोगेसी रैकेट मामले की जांच कर सकता है, जिसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ था। हैदराबाद पुलिस ने गोपालपुरम स्थित सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की डॉ. ए. नम्रता को 25 अन्य लोगों के साथ अवैध सरोगेसी और शिशु बिक्री रैकेट के आरोप में गिरफ्तार किया था। डॉ. नम्रता और अन्य लोग कथित तौर पर दम्पतियों को धोखा दे रहे थे और उन्हें अलग-अलग दम्पतियों से खरीदे गए बच्चे सौंप रहे थे। उन्होंने सरोगेसी (Surrogacy) के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए।

सरोगेसी से बच्चा कैसे पैदा किया जाता है?
इस प्रक्रिया में महिला के गर्भ में किसी अन्य दंपत्ति का भ्रूण प्रत्यारोपित किया जाता है। भ्रूण का निर्माण टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक (IVF) से होता है, जिसमें अंडाणु और शुक्राणु प्रयोगशाला में मिलाए जाते हैं। गर्भधारण सरोगेट मां द्वारा किया जाता है और जन्म के बाद बच्चा इच्छित दंपत्ति को दिया जाता है।
सरोगेसी में स्पर्म कौन देता है?
इसमें शुक्राणु इच्छित पिता या डोनर से लिया जा सकता है। अगर इच्छित पिता सक्षम हों तो उनका स्पर्म लिया जाता है, अन्यथा किसी प्रमाणित स्पर्म डोनर का उपयोग किया जाता है। स्पर्म को लैब में महिला के अंडाणु से मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है, जिसे सरोगेट मां के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
सरोगेसी क्या है?
यह एक प्रजनन तकनीक है जिसमें एक महिला किसी अन्य व्यक्ति या दंपत्ति के लिए गर्भ धारण करती है। सरोगेसी में दो प्रकार होते हैं—पारंपरिक और गर्भधारणात्मक (Gestational)। विकिपीडिया के अनुसार, इसका उद्देश्य उन दंपत्तियों को संतान सुख दिलाना है जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकते।
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