इटावा लायन सफारी में दूर दूर से आते हैं पर्यटक
उत्तर प्रदेश में इटावा लायन सफारी में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय तेंदुआ दिवस के मौके पर बचाव कर दो तेंदुआ लाये गये जिससे यहां इनकी संख्या बढ़कर 22 हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पार्क के उपनिदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप विलुप्त हो रहे वन्य जीवों के संरक्षण के तहत इटावा सफारी पार्क के अंतर्गत तेंदुआ सफारी सबसे बड़ा तेंदुआ संरक्षण का केंद्र बन गया है।
इटावा लायन सफारी में लाए गए तेंदुए
उन्होंने बताया कि आज विश्व तेंदुआ दिवस के अवसर पर बिजनौर और मुरादाबाद जिलों से बचाव कर दो पार्क में लाये गये हैं। सिंह ने बताया कि दो तेंदुए आने से सफारी पार्क में तेंदुओंकी संख्या बढ़कर 22 हो गई है, जिनमें 14 नर तेंदुआ तथा आठ मादा तेंदुआ शामिल है। ये तेंदुए विभिन्न जिलों से यहां लाये गये हैं।
पार्क में आने वालों के लिए खुशखबरी
उन्होंने बताया कि यहां आने वाले पर्यटक इन तेंदुओं को देखकर बहुत ही आनंदित और रोमांचित होते हैं। अधिकारियों के अनुसार संसार में विलुप्त होने की कगार पर खड़े दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के लिये हर वर्ष तीन मई को अंतरराष्ट्रीय तेंदुआ दिवस मनाया जाता है। तेंदुआ एक आकर्षक वन्य प्राणी है जो अपने रंग रूप में मनमोहक लेकिन स्वभाव से बहुत ही चालाक होता है।
सफारी का प्रस्ताव सबसे पहले 2006 में आया था। मई 2012 में इस पर काम शुरू हुआ था। पार्क का डिज़ाइन स्पेन की कंपनी आर्ट अर्बा ने तैयार किया था। सबसे पहले 2014 में छह शेरों को पार्क में लाया गया था। प्रारंभ में, सफारी में पहली पीढ़ी के नौ शेर थे, जिनमें से आठ का जन्म 2016 और 2020 के बीच एक ही माता-पिता, मनन और जेसिका से हुआ था, जबकि एक का जन्म अप्रैल 2020 में मनन और जेनिफर से हुआ था। हालांकि, दो कुछ वर्षों से अधिक जीवित नहीं रहे, जिससे सफारी में पहली पीढ़ी के सात शेर रह गए।
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