कराकस: वेनेजुएला के दो F-16 जेट (F-16 Jet) लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को कैरेबियन सागर(Caribbean Sea) में अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस जेसन डनहम के ऊपर से उड़ान भरी, जिससे अमेरिका और वेनेजुएला के बीच पहले से ही चल रहे तनाव में और वृद्धि हुई।
अमेरिका ने इस कदम को एक उकसावे भरी कार्रवाई बताया और चेतावनी दी कि वेनेजुएला(Venezuela) को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
अमेरिका का कहना है कि यह युद्धपोत ड्रग्स और आपराधिक संगठनों के खिलाफ एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने शुरू किया था।
दूसरी ओर, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिकी नौसेना की उपस्थिति को “आपराधिक और खूनी खतरा” बताया है।
F-16 जेट: एक ऐतिहासिक संबंध और वर्तमान चुनौती
वेनेजुएला के पास F-16 लड़ाकू विमानों का इतिहास 1980 के दशक से है, जब दोनों देशों के संबंध काफी अच्छे थे।
1982 और 1985 के बीच, वेनेजुएला ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 F-16 जेट (F-16 Jet) खरीदे, जिससे यह लैटिन अमेरिका में इस विमान को हासिल करने वाला पहला देश बन गया।
हालाँकि, 2000 के बाद जब ह्यूगो शावेज और निकोलस मादुरो ने सत्ता संभाली, तो अमेरिका से रिश्ते खराब हो गए।
2006 में अमेरिका ने वेनेजुएला पर हथियार प्रतिबंध लगा दिया, जिससे वेनेजुएला अपने F-16 जेट के लिए अमेरिकी स्पेयर पार्ट्स नहीं खरीद सका।
इस कारण, वेनेजुएला के पास अब केवल 5-6 F-16 जेट (F-16 Jet) ही उड़ने लायक बचे हैं, और बाकी या तो खराब हो चुके हैं या निष्क्रिय पड़े हैं।
ड्रग कार्टेल और राजनीतिक आरोप
अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो पर सीधे तौर पर ड्रग कार्टेल से संबंध होने का आरोप लगाया है, और उनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि बढ़ाकर $50 मिलियन कर दी है।
अमेरिका का मानना है कि मादुरो की सरकार ड्रग्स की तस्करी में शामिल है, जबकि वेनेजुएला इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है।
मादुरो का दावा है कि कैरिबियन सागर में अमेरिकी नौसेना की उपस्थिति सत्ता में बदलाव लाने का एक प्रयास है। उन्होंने वादा किया है कि अगर अमेरिका हमला करता है, तो वे जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
इस बीच, अमेरिकी सेना ने पहले ही कैरिबियन में ड्रग्स से जुड़ी एक स्पीडबोट को नष्ट कर दिया है, जिसमें 11 लोग मारे गए थे, और अमेरिका ने उस नाव का संबंध मादुरो के एक आपराधिक संगठन से बताया था।
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच F-16 जेट को लेकर तनाव क्यों बढ़ रहा है?
दोनों देशों के बीच F-16 जेट को लेकर तनाव बढ़ने का मुख्य कारण हाल की घटना है, जिसमें वेनेजुएला के दो F-16 लड़ाकू विमानों ने कैरेबियन सागर में एक अमेरिकी युद्धपोत (यूएसएस जेसन डनहम) के ऊपर से उड़ान भरी। अमेरिका ने इसे एक उकसावे वाली कार्रवाई और अपनी नौसेना के ड्रग-विरोधी अभियानों में बाधा डालने का प्रयास बताया है।
दूसरी ओर, वेनेजुएला इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी मानता है और अमेरिकी नौसेना की मौजूदगी को अपने देश के लिए खतरा बताता है।
दोनों देशों के बीच लंबे समय से राजनीतिक और आर्थिक तनाव चल रहा है, जिसे इस घटना ने और बढ़ा दिया है।
वेनेजुएला ने अमेरिका से F-16 जेट कब और क्यों खरीदे, और अब उनकी स्थिति क्या है?
वेनेजुएला ने 1980 के दशक में अमेरिका से F-16 जेट खरीदे थे, जब दोनों देशों के संबंध काफी अच्छे थे।
खरीद का कारण: वेनेजुएला ने 1982 और 1985 के बीच अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से कुल 24 F-16 जेट खरीदे थे।
ऐसा करने वाला वह पहला लैटिन अमेरिकी देश था। इस खरीद का उद्देश्य अपनी वायु शक्ति को बढ़ाना और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
वर्तमान स्थिति: साल 2000 के बाद जब ह्यूगो शावेज और निकोलस मादुरो ने सत्ता संभाली, तो अमेरिका से वेनेजुएला के रिश्ते खराब हो गए। 2006 में अमेरिका ने वेनेजुएला पर हथियार प्रतिबंध लगा दिया, जिससे वह F-16 जेट के लिए स्पेयर पार्ट्स नहीं खरीद सका।
इस प्रतिबंध के कारण, आज वेनेजुएला के पास केवल 5 से 6 F-16 जेट ही उड़ने लायक बचे हैं, और बाकी या तो खराब हो चुके हैं या निष्क्रिय पड़े हैं। वेनेजुएला ने इन जेट्स को ठीक करने के लिए रूस और ईरान से मदद लेने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी तकनीक के कारण यह मुश्किल साबित हुआ है।
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