पट्टे पर अतिरिक्त जमीन लेकर कर रहे थे खेती
करीमनगर। मनकोंदूर मंडल के कोंडापालकाला गांव में एक किसान, करिवेदा संपत रेड्डी (49) ने आत्महत्या (Suicide) कर ली, क्योंकि वह अपनी बेटी की शादी के बाद लिए गए कर्ज को चुकाने में असमर्थ था। संपत रेड्डी ने शनिवार शाम अपने आवास पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस के मुताबिक, उनके पास ढाई एकड़ ज़मीन थी और वे पट्टे पर अतिरिक्त ज़मीन लेकर खेती कर रहे थे। चार महीने पहले हुई अपनी बेटी (Doughter) की शादी के खर्चे पूरे करने के लिए उन्होंने भारी कर्ज़ लिया था। माना जा रहा है कि बढ़ते कर्ज को चुकाने में असमर्थ होने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। उनके बेटे रमण रेड्डी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

आत्महत्या की परिभाषा क्या है?
जब कोई व्यक्ति जानबूझकर अपने जीवन का अंत स्वयं करता है, तो उस क्रिया को आत्महत्या कहा जाता है। यह एक मानसिक, सामाजिक या भावनात्मक संकट का परिणाम हो सकता है। आत्महत्या विभिन्न कारणों से होती है, जिनमें अवसाद, अकेलापन, सामाजिक दबाव और मानसिक रोग शामिल हो सकते हैं।
आत्महत्या का सिद्धांत क्या है?
सामाजिक विज्ञान और मनोविज्ञान में आत्महत्या को समझाने के कई सिद्धांत हैं। इनमें दुरखाइम का समाजशास्त्रीय सिद्धांत प्रसिद्ध है, जो आत्महत्या को सामाजिक एकता और नियंत्रण की कमी से जोड़ता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टि से इसे गहन अवसाद, निराशा और असहायता की चरम स्थिति माना जाता है।
क्या आत्महत्या अपराध है?
भारत में पहले आत्महत्या का प्रयास दंडनीय अपराध था, लेकिन अब नहीं है। 2017 में लागू हुए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के तहत, आत्महत्या का प्रयास करने वाले को अपराधी नहीं बल्कि मानसिक रूप से पीड़ित माना जाता है और उसे सहायता एवं पुनर्वास की आवश्यकता होती है, न कि सजा की।
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