पहलगाम में आतंकी हमले के बाद एक तरफ भारत पाकिस्तान के बिच तनाव बढ़ गया है वहीँ अब पर्यटक कश्मीर के ट्रिप पर भी जाने से परहेज कर रहें है। ताजा जानकारी के अनुसार जम्मू कटरा माँ वैष्णो देवी यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं में भरी गिरावट आयी है। वहीं अब कश्मीरी नेता फारूक अब्दुल्ला अब पर्यटकों के बढ़ोत्तरी के लिए माता वैष्णो देवी से प्रार्थना करेंगे
जम्मू-कश्मीर, 3 जून 2025: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने माता वैष्णो देवी के दर्शन करने की घोषणा की है। उनका यह कदम हाल के दिनों में क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में आई कमी को दूर करने और पर्यटन को पुनर्जनन देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है, जिसके बाद माता वैष्णो देवी जैसे पवित्र तीर्थस्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई है।
पर्यटन पर आतंकी हमले का साया
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। इस घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया और जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई। होटल बुकिंग्स में 35-37% की कमी देखी गई, और माता वैष्णो देवी जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ में भारी गिरावट दर्ज की गई।
फारूक अब्दुल्ला ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, “हाल ही में हुई युद्ध जैसी घटना के बाद लोग डर गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। हमें कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाना चाहिए और लोगों से वहां आने की अपील करनी चाहिए।”
फारूक अब्दुल्ला की अपील
फारूक अब्दुल्ला ने न केवल माता वैष्णो देवी के दर्शन की घोषणा की, बल्कि उन्होंने देश भर के पर्यटकों और श्रद्धालुओं से भी अपील की कि वे डर को त्यागकर कश्मीर की खूबसूरती और तीर्थस्थलों का आनंद लें। उन्होंने कहा, “जो डर गया, वो मर गया। कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। पर्यटकों को पहलगाम, गुलमर्ग, श्रीनगर और कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आना चाहिए।”
उनकी यह अपील न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में है, बल्कि स्थानीय लोगों को यह संदेश भी देती है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और साहस जरूरी है।
पर्यटन: जम्मू-कश्मीर की आर्थिक रीढ़
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में 7% का योगदान देता है। 2024 में रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटकों ने इस क्षेत्र का दौरा किया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.4% अधिक था।
हालांकि, पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी कमी ने स्थानीय व्यवसायों, होटल मालिकों, शिकारा चालकों और टूर ऑपरेटरों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। कटरा में होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने कहा, “पहलगाम हमले का असर पूरे क्षेत्र की बुकिंग्स पर पड़ा है। बुकिंग्स लगातार रद्द हो रही हैं।”
जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग इस समय एक कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन फारूक और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं की सक्रियता और स्थानीय लोगों का साहस इस क्षेत्र को फिर से उभरने में मदद कर सकता है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए फारूक अब्दुल्ला की यह पहल न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक संदेश भी है कि कश्मीर आतंकवाद से नहीं, बल्कि शांति और सौंदर्य से परिभाषित होगा।