रेयर-अर्थ और टनल बोरिंग मशीन
नई दिल्ली: चीन ने भारत को उर्वरक (Fertilizer), दुर्लभ-पृथ्वी खनिज (रेयर-अर्थ) और टनल बोरिंग मशीन की आपूर्ति फिर से शुरू करने का भरोसा दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में अपने भारत दौरे के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को यह आश्वासन दिया।
इससे पहले, चीन ने जुलाई में इन महत्वपूर्ण उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे भारत के कई सेक्टर्स प्रभावित हो रहे थे।
आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति
वांग यी ने अपने भारत दौरे पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर(S.Jai Shankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन को, जो दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश हैं, आपसी सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले कुछ समय में दोनों देशों के बीच संबंधों में जो दिक्कतें आई हैं, वे दोनों के हित में नहीं थीं। इसलिए वे भारत को फर्टिलाइजर(Fertilizer) व अन्य खनिज आपूर्त करने का फैसला किया।
सीमा विवाद और रिश्ते में सुधार
वांग यी ने NSA अजित डोभाल(Ajit Dhobhal) के साथ हुई बातचीत में सीमा विवाद पर भी चर्चा की। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र किया और इसे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
वहीं, डोभाल ने कहा कि हाल के महीनों में रिश्तों में सुधार हुआ है और सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है, जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं।
भारत के लिए आयात का महत्व
चीन का यह फैसला भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जुलाई में चीन ने कई जरूरी मशीनों, पार्ट्स और रेयर-अर्थ मटेरियल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। इन पाबंदियों से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और कृषि जैसे क्षेत्र प्रभावित हो रहे थे।
उर्वरकों(Fertilizer) की सप्लाई रुकने से रबी फसलों पर भी असर पड़ रहा था। ऐसे में चीन द्वारा आपूर्ति फिर से शुरू करने का आश्वासन भारत के लिए बड़ी राहत है और इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
चीन ने फर्टिलाइजर (Fertilizer) के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया था?
फर्टिलाइजर(Fertilizer) के निर्यात पर प्रतिबंध अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लगाया था। कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और कच्चे माल की बढ़ती लागत के कारण कई देशों ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाए थे।
चीन का यह कदम भी इसी का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य अपने कृषि क्षेत्र के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना था।
इस फैसले से भारत पर क्या असर पड़ा?
चीन के इस फैसले से भारत पर सीधा असर पड़ा क्योंकि भारत अपनी उर्वरक जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है, और चीन इसका एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
प्रतिबंध के कारण भारत में उर्वरकों की आपूर्ति प्रभावित हुई, जिससे कृषि क्षेत्र, विशेष रूप से रबी फसलों की बुवाई के समय, किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस कदम ने भारत की उर्वरक सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए।
फर्टिलाइजर(Fertilizer) निर्यात बहाल करने से भारत को क्या फायदा होगा?
चीन द्वारा फर्टिलाइजर निर्यात बहाल करने से भारत को कई फायदे होंगे। सबसे महत्वपूर्ण, यह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो पाएगा।
इससे फसलों की पैदावार प्रभावित नहीं होगी और कृषि उत्पादन में स्थिरता बनी रहेगी। इसके अलावा, यह कदम भारत की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा और घरेलू बाजार में उर्वरकों की कीमतों को स्थिर रखने में भी मदद करेगा।
अन्य पढें: