पेटा, मेनका गांधी ने हस्तक्षेप किया
हैदराबाद। जगतियाल और वारंगल में पशु बलि के दौरान अत्यधिक क्रूरता दिखाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट एनिमल्स (PETA) ने सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया (Social Media) पर प्रसारित वीडियो में कुछ लोगों को बकरियों को काटकर और उनकी गर्दन मरोड़कर मारते हुए दिखाया गया है।
एफआईआर दर्ज करने में की मदद
जगतियाल जिले के चिन्ना मेटपल्ली गांव और खिला वारंगल के बोदराई के पास पशु बलि के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे थे। इन वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, पेटा इंडिया ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के हस्तक्षेप और स्ट्रे एनिमल फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एसएएफआई) हैदराबाद में क्रूरता निवारण सहायक कोटला श्री विद्या के साथ समन्वय करके जगतियाल के कोरुतला पुलिस स्टेशन और वारंगल के एजे मिल्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज करने में मदद की।
तेलंगाना पुलिस की करते हैं सराहना
कोरुतला पुलिस ने नीलम राकेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और तेलंगाना पशु एवं पक्षी बलि निषेध (टीएबीएसपी) अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की, जबकि दूसरी एफआईआर एजे मिल्स कॉलोनी पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की। पेटा इंडिया क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक वीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘पेटा इंडिया मेनका गांधी के त्वरित हस्तक्षेप और अटूट समर्थन के लिए उनका बहुत आभारी है, और हम एफआईआर दर्ज करने और यह संदेश देने के लिए तेलंगाना पुलिस की सराहना करते हैं कि पशुओं के प्रति क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’

पेटा का मुख्यालय कहाँ है?
संस्थान का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय अमेरिका के वर्जीनिया राज्य के नॉरफ़ॉक शहर में स्थित है। यह संगठन विश्वभर में पशु अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करता है और जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभाता है। इसके अलावा, इसके कई देशों में स्वतंत्र कार्यालय भी स्थापित हैं।
पेटा इंडिया की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में पेटा की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी। यह संगठन विशेष रूप से पशु क्रूरता के खिलाफ अभियान चलाता है और लोगों को शाकाहारी जीवन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। पेटा इंडिया शिक्षा, कानूनी सलाह और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य करता है।
पेटा इंडिया का फुल फॉर्म क्या है?
इस संस्था का पूरा नाम “People for the Ethical Treatment of Animals” है। हिंदी में इसे “पशुओं के नैतिक व्यवहार के लिए लोग” कहा जा सकता है। यह संगठन विशेष रूप से पशु अधिकारों, संरक्षण और उनके प्रति करुणामय दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।
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