हैदराबाद। शिवसेना पार्टी तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष सिंकारू शिवाजी ने कहा कि चारमीनार आग की घटना के बाद अग्निशमन विभाग को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने चारमीनार के पास हुई आग की घटना की पूरी जांच और घटना के जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लें कि ऐसी आग दुर्घटनाएं कहीं और न घटें तथा तत्काल सतर्क रहें।
तेलंगाना में बड़ी संख्या में निजी स्कूल और कॉलेजों में नियमों का उल्लंघन: शिवाजी
शिवसेना पार्टी तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष सिंकारू शिवाजी ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि तेलंगाना राज्य में बड़ी संख्या में निजी स्कूल और निजी कॉलेज नियमों का उल्लंघन कर चल रहे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अधिकारियों का आना-जाना आम बात है और अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद शहर में सैकड़ों शैक्षणिक संस्थान बिना अग्निशमन परमिट के चल रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने ऐसी घटनाएं होने पर खेद व्यक्त करने और फिर उसे भूल जाने की प्रवृत्ति की आलोचना की।
घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को दौरे करने चाहिए
शिवाजी यह भी मांग की कि यदि आवश्यक हो तो सरकार की अनुमति के बिना तत्काल कार्रवाई की जाए। अग्निशमन अधिकारियों ने प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान का दौरा करें और उन शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता तत्काल रद्द करने की मांग की जिनके पास अग्निशमन परमिट नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को दौरे करने चाहिए। उन्होंने मांग की कि राज्य भर में शैक्षणिक संस्थानों की अनुमति की जांच की जाए और सही संस्थानों को अनुमति दी जाए तथा जो नियम विरुद्ध हैं, उनकी पहचान कर उन्हें रद्द किया जाए। जिन इमारतों के पास अग्नि सुरक्षा परमिट नहीं है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

अग्निशमन विभाग को स्वतंत्र रूप से कार्रवाई का मौका मिलना चाहिए
उन्होंने मांग की कि अग्निशमन विभाग को एक स्वतंत्र छोड़ दिया जाए जो सभी के खिलाफ समान कार्रवाई करेगी। कानून कोई मज़ाक नहीं है, नियमों का पालन न करने वाली हर एक इमारत के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि समीक्षा अभी की जाए, क्योंकि शैक्षणिक वर्ष अभी शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वे नियम विरुद्ध काम करने वाले शिक्षण संस्थानों व विभिन्न संगठनों के खिलाफ लड़ेंगे तथा जब तक कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा नहीं मिल जाती, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।