सत्यापन के बाद सौंपा गया बच्चा
करीमनगर। तेलंगाना के करीमनगर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक दंपत्ति ने पहले अपने नवजात बेटे को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र (MCHC) के ऊयाला पालने में छोड़ दिया और कुछ समय बाद लौटकर उसकी देखभाल की मांग की। गहन जांच और सत्यापन प्रक्रिया के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) ने बुधवार को बच्चे को उनके हवाले कर दिया। जिला प्रशासन द्वारा शिशु परित्याग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए 12 मई 2025 को ऊयाला पालना पहल की शुरुआत की गई थी। इसके तहत एमसीएचसी सहित जिला मुख्यालय अस्पताल में विशेष पालने लगाए गए, ताकि माता-पिता यदि किसी कारणवश बच्चे की देखभाल में असमर्थ हों, तो उन्हें सुरक्षित रूप से छोड़ सकें।
जिला कल्याण विभाग पहुंचे दंपत्ति
28 जून को एमसीएचसी में एक नवजात को अज्ञात व्यक्ति द्वारा छोड़ दिया गया। सूचना मिलते ही महिला एवं बाल कल्याण विभाग तथा बाल संरक्षण अधिकारियों ने शिशु का चिकित्सकीय परीक्षण कराया और उसे शिशु गृह में स्थानांतरित किया। कुछ दिनों बाद वही दंपत्ति जिला कल्याण विभाग पहुंचे और बच्चे को वापस लेने का अनुरोध किया। सीडब्ल्यूसी अधिकारियों ने आधार कार्ड, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि की। इसके अतिरिक्त, उनके मूल जिले के अधिकारियों से संपर्क कर अतिरिक्त सत्यापन भी किया गया।

बाल रक्षा भवन में दंपत्ति की काउंसलिंग
पहचान पूरी तरह स्पष्ट होने पर बाल कल्याण समिति ने बुधवार को जिला परिषद कार्यालय स्थित बाल रक्षा भवन में दंपत्ति की काउंसलिंग की और फिर औपचारिक रूप से उन्हें बच्चा सौंप दिया। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनशीलता और सजगता को दर्शाया है, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि बच्चा छोड़ने की स्थिति में भी, यदि माता-पिता लौटते हैं और उनकी पहचान सत्यापित हो जाती है, तो वे अपने बच्चे को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
Read Also: Hyderabad : यूरिया संकट को लेकर कृषि मंत्री थुम्माला ने केंद्र को लिखा पत्र