राजस्थान के अजमेर ज़िले में शनिवार तड़के एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब मुंबई से दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस (Garib Rath Express) (ट्रेन संख्या 12216) के इंजन में अचानक आग लग गई। यह घटना सुबह करीब 3 बजे उस वक्त हुई, जब ट्रेन सेंदड़ा स्टेशन के पास से धीमी गति से गुजर रही थी।
लोको पायलट की सूझबूझ से बची सैकड़ों जानें
इंजन से धुआं उठता देख लोको पायलट (Loco Pilot) ने बिना देर किए ट्रेन को तुरंत रोका और रेलवे नियमों के तहत अलर्ट मोड में जाते हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की। उस समय ट्रेन में करीब 500 से अधिक यात्री सवार थे। गनीमत रही कि आग केवल इंजन तक ही सीमित रही और किसी भी कोच तक नहीं पहुंच सकी, जिससे कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
रेलवे प्रशासन तुरंत हुआ सक्रिय
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। यात्रियों को अस्थायी रूप से स्टेशन पर रोका गया और फिर वैकल्पिक इंजन की व्यवस्था कर यात्रा को दोबारा शुरू कराया गया। कुछ यात्रियों को दूसरी ट्रेनों से भी गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई।
क्या था कारण?
रेलवे अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच में आग लगने के पीछे तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट (Short Circut) की आशंका जताई है। फिलहाल इंजन को ट्रैक से हटा दिया गया है और लाइन को दुरुस्त करने का कार्य जारी है। एहतियात के तौर पर, सेंदड़ा स्टेशन से गुजरने वाली अन्य ट्रेनों की गति भी सीमित कर दी गई है, ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
गरीब रथ एक्सप्रेस की रूट जानकारी
गरीब रथ एक्सप्रेस बांद्रा टर्मिनस (मुंबई) से दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन तक चलती है। यह ट्रेन आमतौर पर अजमेर और आबूरोड के बीच बिना रुके गुजरती है और सेंदड़ा जैसे छोटे स्टेशनों पर इसका स्टॉप नहीं होता। हालांकि, उस वक्त ट्रेन धीमी रफ्तार से चल रही थी, जिससे लोको पायलट को समय पर खतरे का आभास हुआ और बड़ा हादसा टल गया।
गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत किसने की थी?
गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत वर्ष 2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी। इस ट्रेन सेवा के लक्षित यात्री मध्यम और निम्न आय वर्ग के यात्री थे। भारतीय रेलवे की पहली गरीब रथ ट्रेन बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के लिए रवाना की गई थी।
गरीब रथ का नाम गरीब रथ क्यों है?
गरीब रथ” शब्द का अंग्रेजी में अर्थ “गरीब आदमी का रथ” या “गरीबों का रथ” होता है। इन ट्रेनों का मुख्य उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए किफायती परिवहन उपलब्ध कराना था।
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