ब्राजीलिया। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जैयर बोलसोनारो को सुप्रीम कोर्ट ने हाउस अरेस्ट यानी नजरबंद करने का आदेश दिया है। उन पर देश में तख्तापलट करने की साजिश रचने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और ब्राजील के बीच ट्रेड वॉर तेज़ हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस ने यह आदेश दिया।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगे बैन का उल्लंघन किया
उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो ने पिछले महीने सोशल मीडिया (Social Media) के इस्तेमाल पर लगे बैन का उल्लंघन किया। वे अपने तीन सांसद बेटों के सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिए कंटेंट पोस्ट कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने रियो डी जेनेरियो में अपने समर्थकों को भी संबोधित किया जो नियमों के खिलाफ था। सुप्रीम कोर्ट के नजरबंद करने के आदेश के बाद पुलिस बोलसोनारो के घर पहुंची। पुलिस ने उनका मोबाइल ज़ब्त कर उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया है।
बोलसोनारो के साथ-साथ उनके 33 सहयोगियों पर भी सरकार नजर रखी है
उन्हें अब कहीं आने-जाने की इजाज़त नहीं है। बोलसोनारो के साथ-साथ उनके 33 सहयोगियों पर भी सरकार नजर रखी है। इन सभी पर लोकतंत्र को खत्म करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश का आरोप है। इस मामले पर अमेरिका (America) भी नजर रख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जस्टिस के फैसले की निंदा की है। इस बीच बोलसोनारो की मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनने का भी आदेश दिया, जिससे उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
ब्राजील के पहले राष्ट्रपति कौन थे?
इसे सुनें15 मार्च 1967 को देश का आधिकारिक नाम बदलकर ब्राज़ील संघीय गणराज्य कर दिया गया। उसी दिन, आर्थर दा कोस्टा ई सिल्वा ने कास्टेलो ब्रैंको के बाद राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
ब्राजील में कितने मुस्लिम हैं?
इसे सुनें2010 की जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 35,200 मुसलमान रहते हैं, जबकि ब्राज़ील के मुस्लिम संघों के संघ का अनुमान है कि यह संख्या 12 लाख से 15 लाख तक है। सबसे बड़े समुदाय साओ पाउलो, रियो डी जेनेरो, कूर्टिबा और फोज डू इगुआकु के साथ-साथ पराना और रियो ग्रांडे डू सुल राज्यों के छोटे शहरों में रहते हैं।
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