हैदराबाद। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से प्रभावित परिवारों (Families) की सहायता के लिए समर्पित माता-पिता द्वारा संचालित एक गैर-लाभकारी संगठन, क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया, रविवार, 10 अगस्त को हैदराबाद के गच्चीबोवली स्टेडियम (Gachibowli Stadium) में एसएमए के लिए तीसरे संस्करण – 2025 का आयोजन कर रहा है।
दौड़ के आधिकारिक पोस्टर का अनावरण किया
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में साइबराबाद के पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती और साइबराबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त यातायात डॉ. गजराव भूपाल भी उपस्थित थे, जिन्होंने एसएमए के लिए दौड़ के आधिकारिक पोस्टर का अनावरण किया और इस महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य जागरूकता पहल को अपना समर्थन दिया। रेनबो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की वरिष्ठ आनुवंशिकीविद् और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राधा रमा देवी, सीएसआईआर-सीसीएमबी के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. गिरिराज चांडक, सोसाइटी फॉर साइबराबाद सिक्योरिटी काउंसिल के सीईओ नावेद आलम खान और क्योर एसएमए इंडिया की ट्रस्टी सुश्री श्रीलक्ष्मी और सुश्री अर्चना तथा अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) का उपचार महत्वपूर्ण
कार्यक्रम का शुभारंभ साइबराबाद आयुक्त कार्यालय, गच्चीबोवली में हुआ। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) का उपचार महत्वपूर्ण है, जागरूकता और प्रारंभिक जांच के माध्यम से रोकथाम और भी महत्वपूर्ण है। “रन फॉर एसएमए” के आयोजन के लिए एससीएससी हेल्थ फोरम की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल महत्वपूर्ण हैं, खासकर इसलिए क्योंकि इसका इलाज महंगा है।
सामूहिक प्रयास सकारात्मक बदलाव के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं
इस तरह के सामूहिक प्रयास सकारात्मक बदलाव के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। क्योर एसएमए इंडिया की सह-संस्थापक और ट्रस्टी श्रीलक्ष्मी नालम ने भारत में दुर्लभ रोग से ग्रस्त परिवारों के लिए एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु चिकित्सा पेशेवरों, अनुसंधान निकायों, कॉर्पोरेट्स और सरकार के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी में क्या होता है?
एक आनुवंशिक तंत्रिका-मांसपेशीय रोग है जिसमें शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली मोटर न्यूरॉन्स (Motor Neurons) नष्ट हो जाती हैं।
एसएमए का इंजेक्शन इतना महंगा क्यों है?
SMA का सबसे प्रसिद्ध इलाज है: Zolgensma (ज़ोलगेन्स्मा) — यह दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक मानी जाती है।
इसके महंगे होने के कारण:
- जीन थेरेपी: यह एक बार दी जाने वाली जीन थेरेपी है जो SMN1 जीन की कॉपी को शरीर में पहुंचाती है।
- अनुसंधान लागत: इस थेरेपी को विकसित करने में वर्षों की रिसर्च और अरबों डॉलर लगे हैं।
- रोग की दुर्लभता: SMA एक बहुत ही दुर्लभ रोग है, जिससे प्रभावित लोगों की संख्या कम है, इसलिए इसकी दवा बनाने वाली कंपनियाँ लागत वसूलने के लिए कीमत ज्यादा रखती हैं।
- वन-टाइम क्योर: ज़ोलगेन्स्मा एक बार में दी जाने वाली खुराक है जो लंबे समय तक असर दिखाती है — इसलिए इसे “वन टाइम थेरेपी” कहा जाता है।
कीमत: Zolgensma की कीमत ₹16 से ₹18 करोड़ (USD $2.1 मिलियन) तक हो सकती है।
SMA के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
स्वास्थ्य और पोषण:
- बच्चे को संतुलित आहार दें ताकि मांसपेशियाँ कमजोर न हों।
- ज़रूरत पड़ने पर फीडिंग ट्यूब का उपयोग किया जा सकता है।
फिजियोथेरेपी:
- मांसपेशियों को सक्रिय रखने के लिए रेगुलर फिजिकल थेरेपी ज़रूरी है।
- मांसपेशियों में जकड़न और जोड़ में अकड़न को रोकने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करवाई जाती है।
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