Friends in Chennai-Enemies in Hyderabad-बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि दक्षिण के राज्य उत्तर में विकास को बढ़ावा दे रहे हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खजाने में योगदान किए गए हर रुपये पर तेलंगाना को 42 पैसे वापस मिलते हैं. इसके विपरीत, बिहार को टैक्स के रूप में दिए गए प्रत्येक एक रुपये पर 6.06 रुपये वापस मिलते हैं जबकि उत्तर प्रदेश को 2.03 रुपये वापस मिलते हैं.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भले ही चेन्नई में पहली ‘फेयर डिलिमिटेशन’ मीटिंग की मेज़बानी करके 2026 के बाद होने वाले परिसीमन के कारण संभावित नुकसान से पीड़ित राज्यों के बीच एकता की धुरी बनकर उभरे हों, लेकिन तेलंगाना में एक दिलचस्प कहानी चल रही है. बैठक में राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीआरएस दोनों के प्रतिनिधि मौजूद थे. रेवंत रेड्डी और केटी रामा राव (KTR) जो लगभग हर रोज़ हैदराबाद में एक-दूसरे का गला पकड़ते हैं, चेन्नई में एक ही राग अलापते नजर आए. दोनों ने परिसीमन के खिलाफ़ तर्क दिया क्योंकि उन्हें लगा कि इससे भारत के सबसे युवा राज्य और दक्षिण भारत को नुकसान होगा.