भारत और हिंद महासागर के लिए नई चुनौती
बीजिंग: चीन की नौसेना (पीएलए नेवी) ने अपने तीसरे और सबसे उन्नत विमानवाहक पोत, टाइप 003 ‘फुजियान'(Fujian) को सेवा में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में, इस पोत को शंघाई के जियांगन शिपयार्ड से एक अज्ञात स्थान के लिए रवाना होते देखा गया, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि यह उम्मीद से पहले ही कमीशन हो सकता है। चीनी सरकारी मीडिया ने पहले ही संकेत दिया था कि फुजियान(Fujian) को सितंबर या अक्टूबर 2025 तक सेवा में लाया जा सकता है। यह पोत चीन(China) का पहला सुपरकैरियर है और इसे पिछले समुद्री परीक्षणों के बाद अब पूरी तरह से साफ और युद्ध के लिए तैयार दिखाया गया है।
‘फुजियान’ की ताकत और तकनीक
फुजियान(Fujian) की सबसे बड़ी खासियत इसका इलेक्ट्रो मैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम(Electro Magnetic Catapult System) है, जो इसे अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड के बाद इस तकनीक से लैस दुनिया का दूसरा पोत बनाता है। यह तकनीक पारंपरिक स्टीम कैटापल्ट की तुलना में अधिक कुशलता से और कम समय में भारी लड़ाकू विमानों को लॉन्च करने में सक्षम है। इस पोत पर J-35A स्टील्थ लड़ाकू विमान, J-15T भारी वाहक लड़ाकू विमान, और KJ-600 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट जैसे उन्नत विमानों को तैनात किया जा सकता है, जो इसकी मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे। फुजियान की यह क्षमता इसे समुद्र में एक चलता-फिरता एयरबेस बनाती है।
भारत के लिए बढ़ी हुई चिंता
फुजियान(Fujian) का चीनी नौसेना में शामिल होना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में। इस सुपरकैरियर की मदद से चीन अपनी नौसैनिक उपस्थिति और प्रभाव को अफ्रीका से लेकर मलेशिया-इंडोनेशिया तक आसानी से बढ़ा सकता है। यह भारत की समुद्री सुरक्षा और ब्लू-वॉटर नेवी बनने की महत्वाकांक्षा के लिए सीधा खतरा है। जहां अमेरिका ने अपने फोर्ड क्लास कैरियर को बनाने में 16 साल लगाए, वहीं चीन ने फुजियान को सिर्फ 6 साल में तैयार कर लिया, जो उसकी तेजी से बढ़ती सैन्य शक्ति और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। इससे भारत को अपनी नौसैनिक क्षमताओं को और मजबूत करने की आवश्यकता महसूस होगी।
चीन के तीसरे विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ की सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी विशेषता क्या है?
फुजियान(Fujian) की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका इलेक्ट्रो मैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम है, जो इसे भारी लड़ाकू विमानों को कुशलता से लॉन्च करने में सक्षम बनाता है।
चीन का फुजियान विमानवाहक पोत भारत के लिए क्या खतरा पैदा करता है?
यह हिंद महासागर में चीन की नौसैनिक शक्ति और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए एक नई चुनौती पैदा होगी।
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