Kashi Vishwanath: गंगा दशहरा 2025 के पावन मौके पर वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ देवालय न्यास द्वारा मां गंगा का विशेष पूजन और जलाभिषेक संपन्न किया गया। तड़के सुबह से ही घाटों पर भक्तो का तांता लगा रहा। मां गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग दूर-दराज से काशी पहुंचे।
इस विशेष आयोजन में एसडीएम शंभू शरण और देवालय के प्रमुख अर्चक सम्मिलित रहे। मंत्रोच्चारण के बीच मां गंगा को पुष्पांजलि अर्पित की गई और जलाभिषेक के साथ पूजन विधि पूरी की गई।
गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व
Kashi Vishwanath: मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा शिवजी की जटाओं से धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा स्नान, पूजन और दान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा के दिन गंगा आरती, हवन, मंत्रोच्चार और भजन कीर्तन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष आयोजन होता है।

लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
काशी के सभी प्रमुख घाटों दशाश्वमेध, मणिकर्णिका, अस्सी घाट पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा में डुबकी लगाई। सिर्फ वाराणसी ही नहीं, बल्कि प्रयागराज, कानपुर, मिर्जापुर, उन्नाव जैसे शहरों में भी गंगा स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ी।
स्थानीय प्रशासन और देवालय न्यास द्वारा सुरक्षा एवं स्वच्छता के विशेष प्रबंध किए गए थे।
मां गंगा की पूजा के साथ की गई विशेष प्रार्थना
पूजन के दौरान विश्व कल्याण, शांति और सद्भावना के लिए विशेष प्रार्थना की गई। देवालय न्यास की तरफ से कहा गया कि मां गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और भक्त की प्रतीक हैं।
पूरे कार्यक्रम की झलक तस्वीरों में भी स्पष्ट देखी जा सकती है, जहां भक्तों की भक्त और आयोजन की भव्यता नजर आती है।