पटना में लगातार हो रही बारिश (Heavy rain) के कारण गंगा नदी उफन आई है. नदी खतरे के निशान को पार कर बह रही है. पटना के कई इलाकों में पानी घुसने के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. अब तो कई घरों में चूल्हा जलाने पर भी आफत आ पड़ी है.
पटना में गंगा नदी (Ganga River) का रौद्र रूप लोगों के लिए परेशानी बनता जा रहा है. तीन दिनों से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है. सोमवार को भी दिनभर पूरे शहर में कभी झमाझम तो कभी हल्की बारिश होती रही. जिसके कारण गंगा नदी उफन आई है. पटना के कई इलाकों में पानी घुस जाने के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. पटना के दीघा घाट में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 36 सेमी ऊपर होने की संभावना है.
गांधी घाट पर रिवर फ्रंट पर बह रहा पानी
गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रही. गांधी घाट (Gandhi Ghat) पर खतरे के निशान को पार करने पर रिवर फ्रंट पर पानी बह रहा है. वहीं, हाथीदह में यह अपने खतरे के निशान से 56 सेमी ऊपर थी. जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. दीघा घाट पर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बिंद टोली के घरों में पानी घुस गया है.
बिंद टोली में चूल्हा जलाने पर आफत
घुटने भर से ऊपर पानी में घुसकर लोग शहर की ओर निकल रहे हैं. टोली के बीच में बने रास्ते पर पानी भरने से वहां नाव चलने लगी है. बिंद टोली के लोग अपने जानवरों को जेपी गंगा पथ के किनारे रखने लगे हैं. गांधी घाट से आगे घाट की ऊपरी सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है. दियारा इलाके में खेतों में पानी फैल गया है. हालांकि, अभी लोगों के पलायन की स्थिति नहीं है !

बिहार में सबसे भयानक बाढ़ कब आयी थी?
वर्ष 2004 में उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में जुलाई के पहले सप्ताह में ही भारी वर्षा हुई जिसने न केवल पिछले तीन वर्षों के बाढ़ रिकॉर्ड को तोड़ दिया बल्कि 1987 की बाढ़ को भी पार कर गया। बागमती नदी पर डुब्बाधार स्थल पर बाढ़ का स्तर अब तक के उच्चतम बाढ़ स्तर को लगभग 1.18 मीटर तक पार कर गया।
बिहार में हर साल बाढ़ क्यों आती है?
बिहार की भौगोलिक स्थिति, हिमालय से बहने वाली बर्फ़ से पोषित नदियों के कारण, बाढ़ के प्रति संवेदनशील है। तटबंधों ने नदियों के तलछट को रोक लिया है, जिससे नदी तल का जलस्तर बढ़ रहा है और हर साल बाढ़ का ख़तरा बढ़ रहा है। इसके अलावा, भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने से स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
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