Gen Z और Alpha बच्चों को दें ये जरूरी संस्कार, समाज रहेगा सुरक्षित बदलते दौर में बच्चों को संस्कार देना क्यों हो गया है ज़रूरी?
आज की पीढ़ी यानी Gen Z और Generation Alpha डिजिटल दुनिया में पली-बढ़ी है। मोबाइल, सोशल मीडिया और तेज़ी से बदलते परिवेश के बीच बच्चे मानसिक रूप से तो तेज़ हो रहे हैं, लेकिन संस्कारों की कमी समाज के लिए चुनौती बनती जा रही है। यदि समय रहते माता-पिता सतर्क नहीं हुए, तो इसका खामियाजा भविष्य में पूरा समाज भुगत सकता है।
Gen Z की सबसे बड़ी समस्याएं
- डिजिटल डिपेंडेंसी: मोबाइल और इंटरनेट की लत ने बच्चों को सामाजिकता से दूर किया है।
- अधीरता और अधैर्य: हर चीज़ तुरंत पाने की चाह ने संयम को कम किया है।
- मानसिक तनाव: प्रतिस्पर्धा और सोशल प्रेशर के कारण बच्चे छोटी उम्र में ही अवसाद का शिकार हो रहे हैं।

माता-पिता को क्या करना चाहिए?
1. मूलभूत संस्कार सिखाएं
बड़ों का सम्मान, छोटों से प्रेम और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी जैसे मूल्यों को रोज़मर्रा के जीवन में शामिल करें।
2. सीमित करें डिजिटल एक्सपोजर
बच्चों को डिजिटल गैजेट्स से दूर रखने के लिए आउटडोर एक्टिविटीज़, पुस्तकें और पारिवारिक समय को प्राथमिकता दें।
3. संवाद बनाए रखें
Gen Z बच्चों के साथ दोस्त की तरह बात करें ताकि वे अपने मन की बात कह सकें और सही मार्गदर्शन पा सकें।
4. भारतीय संस्कृति से जोड़े रखें
त्योहारों, धार्मिक परंपराओं और पारिवारिक आयोजनों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

Alpha बच्चों के लिए अलग रणनीति
Alpha Generation यानी वे बच्चे जो 2013 के बाद जन्मे हैं, वे पूरी तरह टेक्नोलॉजी युक्त वातावरण में पल रहे हैं। इनके लिए शुरू से ही सख्त अनुशासन, नियमित दिनचर्या और मूल्यों की शिक्षा जरूरी है।
यदि आज के माता-पिता Gen Z और Alpha बच्चों को सही समय पर संस्कार, अनुशासन और संस्कृति से नहीं जोड़ते, तो आने वाले समय में सामाजिक संतुलन बुरी तरह बिगड़ सकता है। यह केवल परिवार नहीं, पूरे राष्ट्र की ज़िम्मेदारी है।