पीएम कार्की के इस्तीफे की मांग और सियासी हलचल
काठमांडू: नेपाल में युवा Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की(Sushila Karki) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कैबिनेट विस्तार में उनकी राय न लेने का आरोप लगाते हुए पीएम आवास के बाहर जमकर नारेबाजी की और कार्की के इस्तीफे की मांग की। सुदान गुरुंग के नेतृत्व में, ‘हामी नेपाल’ नामक एनजीओ के इन युवा प्रदर्शनकारियों(Young Protesters) ने सरकार को सीधी चुनौती दी है। गुरुंग ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि यदि वे फिर से सड़कों पर उतरते हैं, तो उन्हें कोई रोक नहीं पाएगा और जिस कुर्सी पर उन्होंने पीएम को बैठाया है, उसी से उन्हें हटा भी देंगे। यह आंदोलन, जिसे आमतौर पर मानवीय कार्यों तक सीमित रहने वाले ‘हामी नेपाल’ ने शुरू किया है, गुरुंग के राजनीतिक रुख में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
Gen-Z आंदोलन से नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल
इस आंदोलन ने नेपाल की राजनीति में एक नई उथल-पुथल पैदा कर दी है। पीएम कार्की की नियुक्ति और संसद भंग होने के बाद, प्रमुख राजनीतिक दलों जैसे नेपाली कांग्रेस, CPN-UML और माओवादी केंद्र के भीतर भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। इन दलों के युवा नेताओं ने अपने शीर्ष नेताओं शेर बहादुर देउबा, केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड से इस्तीफा देने की मांग शुरू कर दी है। विश्लेषकों का मानना है कि नेता सीधे कार्की को निशाना बनाने से बच रहे हैं, लेकिन जनता और कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण उन्हें अपनी ही पार्टी में जवाब देना पड़ रहा है। यह स्थिति दिखाती है कि Gen-Z आंदोलन का प्रभाव केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों के भीतर भी बदलाव की हवा को तेज कर दिया है।
कार्की मंत्रिमंडल: सोशल मीडिया पोलिंग और नई नियुक्तियाँ

पीएम कार्की ने मंत्रिमंडल के लिए मंत्रियों को चुनने के लिए एक बिल्कुल नया तरीका अपनाया है: सोशल मीडिया पोलिंग। इस पोलिंग के आधार पर, उन्होंने रमेशोर खनाल को वित्त मंत्री, ओम प्रकाश आर्यल को गृह और कानून मंत्री, और कुलमान घिसिंग को ऊर्जा और सिंचाई मंत्री नियुक्त किया है। यह कदम सरकार में युवाओं की भागीदारी और डिजिटल माध्यमों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। इसके अलावा, एक और ऐतिहासिक नियुक्ति हुई है, जिसमें वरिष्ठ वकील सविता भंडारी बराल को नेपाल की पहली महिला अटॉर्नी जनरल बनाया गया है। कार्की ने यह भी वादा किया है कि Gen-Z आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने पीएम सुशीला कार्की का इस्तीफा क्यों मांगा?
Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम पीएम सुशीला कार्की का इस्तीफा इसलिए मांगा, क्योंकि वे कैबिनेट विस्तार को लेकर नाराज हैं। उनका आरोप है कि कार्की ने बिना उनकी सलाह या राय लिए मंत्रियों का चयन किया है, जबकि उन्होंने ही उन्हें कुर्सी पर बैठाया था।
‘हामी नेपाल’ संगठन किस प्रकार का कार्य करता रहा है और अब उसके रुख में क्या बदलाव आया है?
‘हामी नेपाल’ संगठन आमतौर पर आपदाओं के दौरान राहत कार्य जैसे भूकंप और बाढ़ में बचाव, भोजन और पानी की व्यवस्था करने के लिए जाना जाता है। यह संगठन छात्रों और प्रवासी नेपाली नागरिकों से जुड़े मुद्दों को भी उठाता रहा है, लेकिन राजनीतिक विवादों से दूरी बनाए रखता था। अब, काठमांडू में पीएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान करके, संगठन ने अपने रुख में एक बड़ा बदलाव दिखाया है।
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