डायर वुल्फ की वापसी: विज्ञान ने फिर से किया चमत्कार

जेनेटिक

विज्ञान ने एक बार फिर चमत्कार कर दिखाया है। 12,500 साल पहले नष्ट हो चुकी प्राचीन भेड़िया प्रजाति डायर भेड़िया को वैज्ञानिकों ने जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहारा से फिर से जीवित कर दिया है।

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टेक्सास स्थित कोलोसल बायोसाइंसेज नामक संगठन ने प्राचीन डीएनए, क्लोनिंग, और जीन एडिटिंग तकनीक का प्रयोजन करते हुए डायर भेड़िया के तीन शावकों को जन्म दिया है। इनका नाम रखा गया है — रोमुलस, रेमस, और खलिसी।

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इन शावकों की उम्र अभी केवल 3 से 6 महीने है, लेकिन उनका आकार लगभग 4 फीट और वजन 36 किलोग्राम से ज्यादा है। ये शावक आम भेड़ियों से कहीं अधिक शक्तिशाली और अलग आचरण वाले हैं।

कोलोसल के को-फाउंडर और हार्वर्ड एवं MIT के जेनेटिक प्रोफेसर सेंट जॉर्ज ने कहा,

“हम सिर्फ खून की एक शीशी से ईपीसी निकालते हैं, उन्हें संस्कृति करते हैं और क्लोन करते हैं — यह एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।”

जन्म के बाद शावकों को कुछ दिनों तक सरोगेट मदर से दूध पिलाया गया, बाद में उन्हें बोतल से दूध पिलाया गया। अब वे स्वस्थ युवा डायर भेड़िया के रूप में रह रहे हैं।

सीएनएन और टाइम मैगज़ीन के मुताबिक, डायर भेड़िया का बर्ताव आज के भेड़ियों से काफी अलग है। रोमुलस और रेमस जैसे शावक इंसानों से दूरी बनाकर रखते हैं, जो कि इस प्रजाति की एक खास पहचान थी।

इस ब्रेकिंग सूचना पर एलन मस्क ने मज़ेदार प्रतिक्रिया दी और एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा:

“प्लीज एक छोटा पालतू ऊनी मैमथ बना दीजिए।”

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