तेल को ऐसे बनाया जाता है
शरीर में इंफ्लेमेशन (inflammation) बढ़ने से कई बीमारियां हो सकती हैं। इंफ्लेमेशन के कारण जोड़ों के दर्द और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं अगर आपके घुटनों से अक्सर कट-कट की आवाज आती है, जोड़ों में दर्द बना रहता है और शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ गया है। तो आपको अपनी डाइट में एंटी इंफ्लेमेटरी चीजों को शामिल करना चाहिए और तेल मसाज करना चाहिए। इससे भी आपको आराम मिल सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस तेल को कैसे बनाया जाता है और इसके क्या फायदे हैं।
ऐसे करें मालिश
एक्सपर्ट की मानें, तो जोड़ों के दर्द और शरीर में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना चाहिए। आपको सही डाइट, ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Excercise) और अभ्यांग की मदद लें। सबसे लहसुन की 2-3 कलियां लें। लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जोकि जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं। इससे ब्लड फ्लो में भी सुधार आता है।

अजवाइन
इस तेल को बनाने के लिए पहले आधा चम्मच अजवाइन लें। इससे गैस, ब्लोटिंग, जोड़ों के दर्द और अकड़न की समस्या कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इस तेल में आपको एक चुटकी हींग भी डालनी है। इससे गैस की समस्या दूर होती है और ब्लोटिंग भी दूर होती है। नींद को सुधारने, क्रैम्प्स को कम करने और हार्मोन्स को बैलेंस करने में सहायता करती है। फिर 2-3 चम्मच सरसों की तेल लें। सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है और यह इंफ्लेमेशन और अकड़न को कम करता है।
शरीर में जमा टॉक्सिन्स निकल जाते हैं बाहर
इस सभी चीजों को अच्छे से मिलाकर गर्म कर लें। ध्यान रखें कि इसको ओवरहीट नहीं करना है, बल्कि सिर्फ 1-2 मिनट गर्म करना है। फिर इस तेल को छान लें और जब यह हल्का गुनगुना रह जाए। तो इस तेल से पैर के तलवों से लेकर घुटनों और सभी जोड़ों में मसाज करें। 15-20 मिनट मसाज करें फिर करीब 30 मिनट बाद गुनगुने पानी से नहा लें। ऐसा करने से शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। साथ ही आपकी नर्वस सिस्टम को भी आराम मिलता है।
शरीर में बनी रहेगी एनर्जी
अगर आप सुबह 6-9 के बीच में इस तेल से मसाज करती हैं, तो इससे शरीर में एनर्जी बनी रहेगी। वहीं शाम को 6-8 बजे ऐसा करने से वात दोष कम होता है और नींद भी अच्छी आती है। पीरियड्स के पांचवे दिन से इसकी शुरूआत करें और 25 दिनों तक ऐसा करें। इससे हार्मोनल बैलेंस भी बना रहता है। वहीं पीरियड्स में इसको अवॉइड करना चाहिए।
किसकी कमी से जोड़ों में दर्द होता है?
कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण है। ये तत्व हड्डियों और उपास्थि को मजबूती देते हैं। जब इनकी कमी होती है तो हड्डियों में कमजोरी, सूजन और कठोरता आने लगती है, जिससे दर्द और चलने-फिरने में परेशानी होती है।
बार-बार जोड़ों में दर्द होने का कारण क्या है?
लगातार जोड़ों में दर्द गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, चोट, मोटापा, कैल्शियम-विटामिन डी की कमी, या ज्यादा शारीरिक दबाव के कारण हो सकता है। खराब खानपान, पानी की कमी और बढ़ती उम्र भी इसकी बड़ी वजह है, जिससे जोड़ों में घिसावट और सूजन बढ़ जाती है।
घुटने की ग्रीस बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
घुटनों की ग्रीस और जोड़ों की लचीलापन बढ़ाने के लिए ओमेगा-3 से भरपूर मछली, अलसी के बीज, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, दही, तिल और हल्दी का सेवन लाभकारी है। साथ ही पर्याप्त पानी पीना और नियमित व्यायाम करना जोड़ों की सेहत बनाए रखने में मदद करता है।
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