Global Air Traffic पर युद्धों का असर, दिखा तनाव का नजारा रूस-यूक्रेन और ईरान-इज़राइल युद्धों के बीच आसमान में सन्नाटा
दुनिया के कई हिस्सों में चल रही जंगों का असर सिर्फ ज़मीन पर नहीं, बल्कि आसमान में भी देखा जा रहा है। वर्तमान में Global Air Traffic पर स्पष्ट रूप से इन युद्धों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। एयर ट्रैफिक का डेटा इस समय भारी तनाव को दर्शा रहा है।
Global Air Traffic में गिरावट के मुख्य कारण
1. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते प्रतिबंधित क्षेत्र
- रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने अपने मार्ग बदल दिए हैं।
- यूक्रेन के ऊपर से उड़ान भरने पर रोक लगी हुई है।
- रूसी एयरस्पेस में केवल सीमित देशों की एंट्री की अनुमति है।

2. ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य तनाव
- मिडिल ईस्ट के कई हिस्सों में नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किए गए हैं।
- तेल अवीव और तेहरान के बीच संभावित संघर्ष की आशंका से एयरलाइंस सतर्क हैं।
- वाणिज्यिक उड़ानों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
Global Air Traffic का Live Map क्या बताता है?
वैश्विक वायु यातायात पर नजर रखने वाले कई वेबसाइट्स और ट्रैकर डेटा बताते हैं कि मध्य एशिया, पूर्वी यूरोप और गल्फ देशों के ऊपर से उड़ने वाली उड़ानों की संख्या में 30% तक की कमी आई है।
Flight Paths में हुए बड़े बदलाव:
- एशिया से यूरोप जाने वाली उड़ानें अब साउथ एशिया या नॉर्थ अफ्रीका होकर निकल रही हैं।
- मिडिल ईस्ट को पूरी तरह बायपास किया जा रहा है।
- सैन्य गतिविधियों के चलते एयर ट्रैफिक कंट्रोल में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

वैश्विक वायु यातायात पर दीर्घकालीन प्रभाव
अगर यह युद्ध लंबे समय तक चलता रहा, तो Global Air Traffic पर इसके गहरे आर्थिक और लॉजिस्टिक असर पड़ सकते हैं। एयरलाइंस को लंबा मार्ग अपनाना पड़ेगा जिससे:
- ईंधन खर्च बढ़ेगा
- टिकट की कीमतों में वृद्धि हो सकती है
- उड़ानों की संख्या घट सकती है
आसमान में भी दिख रहा युद्ध का असर
वैश्विक वायु यातायात पर वर्तमान वैश्विक हालात ने गहरी छाप छोड़ी है। आसमान, जो हमेशा सीमाओं से मुक्त माना जाता था, अब युद्धों के साए में आ चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वैश्विक कूटनीति इन तनावों को कम कर पाएगी या उड़ानों की रफ्तार और धीमी पड़ती जाएगी।