मांग में भारी गिरावट
नई दिल्ली: सोने की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने इसकी मांग पर सीधा असर डाला है। रक्षा बंधन और ओणम जैसे त्योहारों के दौरान सोने की मांग में पिछले साल की तुलना में 28% की कमी देखी गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, इस अवधि में केवल 50 टन सोने की डिमांड(Gold Demand) रही। यह गिरावट पिछले तीन सालों में सबसे बड़ी है और कोविड के बाद पहली बार ऐसा हुआ है।
ग्राहकों का घटता रुझान और हल्के गहनों का चलन
सोने की कीमतों में 49% की भारी बढ़ोतरी(Gold Demand) ने ग्राहकों को आभूषण खरीदने से दूर कर दिया है। ज्वेलर्स का कहना है कि इसी वजह से कई लोग खरीदारी से बच रहे हैं, और जो लोग खरीद रहे हैं, वे हल्के वजन और कम कैरेट वाले गहने पसंद कर रहे हैं। IBJA के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता(Surrendra Mehta) के अनुसार, कीमतों में उतार-चढ़ाव भी ग्राहकों को खरीदारी से रोक रहा है। सोने के महंगे(Gold Demand) होने के कारण, हल्के गहनों का वजन भी पहले के 7-12 ग्राम से घटकर 7-10 ग्राम हो गया है।
रिकॉर्ड तोड़ कीमतें और जीएसटी का बोझ
सोमवार को MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। वहीं, खुदरा बाजार में सोना 1,07,321 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा था। 3% जीएसटी मिलाकर ग्राहक को इसके लिए 1,10,540 रुपये चुकाने पड़ रहे थे, जबकि पिछले साल ओणम पर इसकी कीमत 74,500 रुपये थी। कीमतों में इस भारी बढ़ोतरी(Gold Demand) ने आम लोगों के लिए सोना खरीदना काफी मुश्किल बना दिया है, जिससे मांग में लगातार गिरावट आ रही है।
सोने की मांग में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी(Gold Demand) है। पिछले साल की तुलना में इस साल सोने की कीमत में 49% का उछाल आया है, जिससे ग्राहक इसे खरीदने से हिचकिचा रहे हैं। इसके अलावा, कीमतों में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव भी एक बड़ा कारण है।
ग्राहकों ने किस तरह के गहने खरीदना पसंद किया है?
कीमतों में बढ़ोतरी के कारण, ग्राहक हल्के वजन वाले और कम कैरेट के गहने पसंद कर रहे हैं। पहले जो हल्के गहने 7-12 ग्राम के होते थे, अब वे 7-10 ग्राम के हो गए हैं, ताकि उनकी कुल कीमत कम रहे।
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